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राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन : आपसी मतभेदों के बावजूद सदन चलना जरूरी - बिरला
- हंगामे, अनुशासनहीनता, बैठकों में कमी पर लोकसभा अध्यक्ष ने जताई चिंता
- सुमित्रा महाजन बोलीं खराब हो गया है नेता शब्द
- आपसी मतभेदों के बावजूद सदन चलना जरूरी - बिरला
डिजिटल डेस्क, मुंबई, दुष्यंत मिश्र। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की बैठकों में होने वाले हंगामे, अनुशासनहीनता और बैठकों की घटती संख्या पर शुक्रवार को चिंता जताई। उन्होंने कहा कि संसद और विधानसभाओं में जिस तरह का व्यवहार हो रहा, उस पर हम सभी को चिंतन की जरूरत है। मुंबई में आयोजित ‘राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सदनों को स्थगित करना, वेल में आकर नारेबाजी करना गलत है। कागज पढ़ने के लिए होते हैं, लेकिन उसे सदन में फाड़ा जा रहा है। हमें इस पर विचार करना चाहिए। रोज-रोज सदन स्थगित होना ठीक नहीं है। तमाम मतभेदों के बावजूद सदन चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर ने कहा था कि संविधान कितना अच्छा है, यह सदन में बैठे व्यक्तियों के आचरण और व्यवहार पर निर्भर होता है। विचारधारा का मतभेद हो सकता है, नीतियों की आलोचना हो सकती है, कानून बनाते समय इसके पक्ष-विपक्ष में तर्क दिए जा सकते हैं। लेकिन कानून, नीतियों कार्यक्रमों, मुद्दों पर चर्चा न होना यह लोकतंत्र के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। हमारे देश में जिस तरह पारदर्शी चुनाव और सत्ता का हस्तांतरण होता है, उससे दुनिया को एक संदेश जाता है।
मंथन के अमृत से लोगों का कल्याण करेंगे
बिरला ने कहा कि हम इस बात पर चर्चा के लिए साथ आए हैं कि विधायी संस्थाओं को किस तरह ज्यादा मजबूत और जनता के प्रति जवाबदेह बनाया जाए। इस मंथन से जो अमृत निकलेगा, उससे लोगों का कल्याण करेंगे। भारत लोकतंत्र की जननी और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। वैदिक काल में भी संसद, समिति, सभा के प्रमाण हैं। देश के लोगों के आचार, विचार संस्कार और कार्यशैली में लोकतंत्र है।
ठीक करना हमारी जिम्मेदारी: महाजन
लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता सुमित्रा महाजन ने कहा कि नेता शब्द खराब हो गया है। अब लोग नेताओं पर तंज कसते हैं। नेता शब्द का मतलब होता है लोगों को सही रास्ते पर ले जाने वाला। लेकिन कई बार हम ही कहते हैं-मुझे नेता मत कहिए। नेता शब्द को अब ठीक करना हमारी जिम्मेदारी है।
विस्तृत चर्चा के बाद बनें कानून: फडणवीस
महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देंवेंद्र फडणवीस ने संसदीय कामकाज में कम होती बहस पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कई बार कानून बिना किसी बहस के पारित कर दिए जाते हैं। यह ठीक नहीं है। हमें सदन में विस्तृत चर्चा के बाद ही कानून बनाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आजकल नेता मीडिया में बने रहने के लिए उनके एजेंडे के मुताबिक बयान देने लगे हैं।
धन-बल का दुरुपयोग रोकें: पाटील
पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटील ने चुनाव में धन-बल के बढ़ते दुरुपयोग पर चिंता जताई और कहा कि इसे रोकना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि अच्छा नेता बनने के लिए संविधान को समझना जरूरी है। साथ ही नेताओं को सदन में बोलना भी सीखना होगा।
नेता बनने के लिए प्रशिक्षण जरूरी: मीरा कुमार
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मीरा कुमार ने कहा कि राजनीति में आने के इच्छुक लोगों को सीखने के लिए भी हमें मंच उपलब्ध कराना चाहिए। यह विधायिकाओं की जिम्मेदारी है कि युवाओं को इसके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करे। उन्होंने कहा कि हमें जातिवाद, सांप्रदायिकता, आपराधिक मानसिकता, भ्रष्टाचार, उपनिवेशवाद और जलवायु परिवर्तन के मामलों में साथ मिलकर काम करना होगा। मैंने कई सम्मेलनों में हिस्सा लिया, लेकिन यह सबसे अद्भुत है। इसे लगातार आयोजित किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से लोकतंत्र मजबूत होगा।
छवि बदलना चाहते हैं हम
राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन के संयोजक राहुल कराड ने कहा कि मैंने 4-5 सौ विधायकों के आने की उम्मीद की थी। लेकिन यहां सभी राज्यों से अलग-अलग पार्टियों के करीब डेढ़ हजार विधायक पहुंचे हैं। इससे मैं उत्साहित हूं। आम लोगों में यह भावना होती है कि नेता चोर होते हैं, हम इस बदलना चाहते हैं।
Created On :   16 Jun 2023 9:52 PM IST