राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन : विधायक निधि की व्यवस्था न होना बड़ी कमी मानते हैं हरियाणा के विधायक

राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन : विधायक निधि की व्यवस्था न होना बड़ी कमी मानते हैं हरियाणा के विधायक
  • विधायक निधि की व्यवस्था न होना बड़ी कमी मानते हैं हरियाणा के विधायक
  • राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में मुद्दा
  • निधि के अभाव में विपक्ष के विधायकों का बुरा हाल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विजय सिंह "कौशिक'। देश के सबसे समृद्धिशाली राज्यों में से एक हरियाणा के विधायकों को सबसे बड़ा दुख इस बात का है कि उन्हें विधायक निधि नहीं मिलती जबकि पूर्वोत्तर के छोटे से राज्य मेघालय के विधायकों को भी अपने चुनाव क्षेत्र में विकास कार्य के लिए सालाना ढाई करोड़ रुपए की निधि मिलती है। महानगर में गुरुवार से शुरु तीन दिवसीय "राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन' में पहुंचे हरियाणा के विधायक एमएलए फंड को लेकर दुखी नजर आए।

सम्मेलन मे भाग लेने पहुंचे हरियाणा के विधायकों के एक दल से हमारी मुलाकात होती है। खास बात यह कि इस दल में सभी दलों के विधायक एक साथ चाय की चुस्कियां ले रहे थे। अगले साल हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव की चर्चा पर जीत-हार को लेकर अलग-अलग सुर अलाप रहे विधायक "विधायक निधि' के सवाल पर एक सुर में बोलने लगते हैं। सत्ताधारी भाजपा के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव कहते हैं हमें इस बात का दुख है कि हमें विकास कार्यों के लिए निधि नहीं मिलती। जबकि हमारे पड़ोसी राज्यों में विधायकों करोड़ों रुपयों की निधि मिलती है। भाजपा के ही दूसरे विधायक सीताराम यादव भी विधायक निधि की व्यवस्था न होने पर दुख जताते हैं। भाजपा के मित्रदल जेजीपी के जोगाराम सिहाग भी हरियाणा में विधायक निधि न होने को एक बड़ी कमी मानते हैं। इसी पार्टी के अन्य विधायक राम निवास कहते हैं कि कई बार विधायक निधि शुरु करने की बात हुई पर इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया।

निधि के अभाव में विपक्ष के विधायकों का बुरा हाल

पूर्व मंत्री व हरियाणा के कांग्रेस विधायक जयवीर सिंह भाजपा विधायकों की बातों का समर्थन करते हुए कहते हैं कि विधायक निधि न मिलने की वजह से सत्ताधारी दल के विधायक तो दूसरे फंड से अपने इलाके में विकास कार्य करा लेते हैं पर हम जैसी विपक्षी विधायकों को इससे भारी परेशानी होती है। सिंह कहते हैं कि जनप्रतिनिधियों से लोगों को बड़ी उम्मीदें होती हैं। वे हमारे पास बड़ी उम्मीदें लेकर आते हैं पर हमारे हाथ में कोई निधि न होने के नाते हम उन्हें विकास कार्यों को लेकर कोई आश्वासन नहीं दे पाते। दूसरी तरफ मेघालय के भाजपा विधायक ए एल हेक इस बात पर खुशी जताते हैं कि उन्हें विधायक निधि के तौर पर सालाना ढाई करोड़ रुपए मिलते हैं।

3 से 5 करोड़ होगा यूपी में विधायक निधि

उत्तर प्रदेश के संत कबीरनगर से भाजपा विधायक गणेश चंद्र इस बात पर खुशी जताते हैं कि योगी सरकार विधायक निधि को 3 करोड़ से बढ़ा कर 5 करोड़ रुपए सालाना करने जा रही है। अगले सत्र से यह राशि मिलने लगेगी।बिहार में भी विधायक निधि की व्यवस्था है पर उसे मुख्यमंत्री निधि कहा जाता है। हालांकि इसे खर्च करने के लिए विधायक शासन को प्रस्ताव भेजते हैं। उडीसा के एकमात्र निर्दलिय विधायक मकरंद मुदली कहते हैं उड़ीसा में विधायक निधि के तौर पर सालाना 3 करोड़ रुपए मिलते हैं। वे कहते हैं कि इसी निधि से तो मैं अपने इलाके में विकास कार्य कर पाता हूं। हालांकि वे मानते हैं कि इसे और बढाए जाने की जरुरत है।

मध्य प्रदेश के विधायक चाहते हैं बढ़ोतरी

मध्य प्रदेश में फिलहाल विधायक निधि के तौर पर सालाना 2 करोड़ रुपए मिलते हैं। सौंसर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक विजय चौरे का कहना है कि क्षेत्र में लोगों की अपेक्षा रहती है कि सबके इलाके में विकास कार्य हो सके पर इतनी कम राशि में यह संभव नहीं हो पाता। इस लिए मैं चाहता हूं कि विधायक निधि कम से कम 5 करोड़ रुपए की जाए।

किस राज्य में मिलती है कितनी विधायक निधि

राज्य विधायक निधि

महाराष्ट्र 5 करोड़ रुपए

उत्तर प्रदेश 5 करोड़

उडीसा 3 करोड़

बिहार 4 करोड़

मेघालय 2.5 करोड़

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Created On :   15 Jun 2023 10:18 PM IST

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