अब स्वास्थ्य विभाग खुद बनाएगा अपने अस्पताल, अभी तक पीडब्ल्यूडी के जिम्मे था यह काम

अब स्वास्थ्य विभाग खुद बनाएगा अपने अस्पताल, अभी तक पीडब्ल्यूडी के जिम्मे था यह काम
  • केवल 40 करोड़ रुपए होंगे खर्च
  • छह-छह महीने तक मरम्मत नहीं हो पाता
  • स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने जानकारी दी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग अब अपने अधीन सरकारी अस्पतालों का निर्माण और मरम्मत काम खुद करेगा। फिलहाल राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों का निर्माण और मरम्मत सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग (पीडब्ल्यूडी) करता है। इससे अस्पताल बनाने और मरम्मत के कार्यों में काफी देरी होती है। इसके मद्देनजर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों के निर्माण और मरम्मत काम के लिए नई आस्थापना बनाने का फैसला लिया है।

बुधवार को मंत्रालय में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने यह जानकारी दी। सावंत ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों, कर्मचारी निवास भवन और मरम्मत काम के लिए आस्थापना नहीं है। राज्य का स्वास्थ्य विभाग अस्पताल बनाने और उसके मरम्मत के लिए पीडब्ल्यूडी को ठेका देता है। लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्वास्थ्य विभाग का आस्थापना बनाने के लिए मौखिक मंजूरी दे दी है। अब अगले दस दिनों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य मंत्रिमंडल में आस्थापना तैयार करने संबंधित प्रस्ताव मंजूरी के लिए लाया जाएगा। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से स्वास्थ्य विभाग को सरकारी अस्पतालों के निर्माण और मरम्मत कार्य का अधिकार मिल जाएगा। सावंत ने कहा कि अभी तक पीडब्ल्यूडी पुराने डिजाइन के आधार पर अस्पताल बनाता था। इस कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को हर 20 साल में तोड़ना पड़ता है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग को अधिकार प्राप्त होने के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की इमारतें 100 साल तक सुरक्षित रहेंगी। सावंत ने बताया कि आस्थापना में इंजीनियर, आर्किटेक्ट, आरसीसी सलाहकार, सीए सहित अन्य अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।

केवल 40 करोड़ रुपए होंगे खर्च

सावंत ने कहा कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों के मरम्मत और निगरानी के लिए हर साल 15 प्रतिशत राशि देता है। यानी स्वास्थ्य विभाग हर वर्ष पीडब्ल्यूडी को 600 करोड़ रुपए देता है। मगर स्वास्थ्य विभाग का आस्थापना पर नियुक्त अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन पर केवल 40 करोड़ रुपए खर्च होंगे। बाकी का काम आउटसोर्सिंग के जरिए किया जाएगा।

छह-छह महीने तक मरम्मत नहीं हो पाती

सावंत ने कहा कि राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों और कर्मचारी निवास में लीकेज की समस्या होती है। वाश बेसिन और खिड़की टूट जाती है तो हम लोग पीडब्ल्यूडी को पत्र देते हैं। मगर, पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी छह-छह महीने तक मरम्मत काम नहीं कर पाते हैं। यह वास्तविकता है। इस कारण स्वास्थ्य विभाग को काफी परेशानी होती है।

Created On :   14 Jun 2023 4:02 PM GMT

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