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वन विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष ने घेरा, अजित पवार ने दागे सवाल
- मुनगंटीवार का विदेश में रहना और तबादलों का आदेश क्या संयोग था- अजित पवार
- भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष ने घेरा
- भाजपा के 6 विधायकों ने लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिंदे-फडणवीस सरकार के वन मंत्रालय में तबादलों में भ्रष्टाचार के आरोपों पर राजनीति शुरु हो गई है। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने मंगलवार को कहा कि यह गंभीर मामला है। वन मंत्रालय की तरफ से अधिकारियों के तबादले के आदेश दिए जा रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि तबादले का आदेश निकलना और वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार का विदेश में रहना क्या महज एक संयोग है या फिर और कुछ मामला है। सरकार आपले द्वार मुहिम पर तंज कसते हुए विपक्ष के नेता ने कहा कि सरकार अपने दरवाजे चाहे जहां ले जाए, जब तक सरकारी अधिकारियों की मानसिकता नहीं बदलेगी, शासन के दरवाजे का फर्जीवाड़ा नहीं रुकेगा।
राकांपा नेता पवार ने कहा कि वन विभाग के तबादलों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की खबरें काफी कुछ बयान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रालय में कुछ अधिकारी मेरे भी करीबी हैं। मुझे बताया गया कि मंत्रालय की ओर से छोटे अधिकारियों के तबादलों का आदेश मौखिक तौर पर दिया गया। पवार ने कहा कि खुद भाजपा के विधायकों ने खुलासा किया कि कृषि सहायक के तबादले के लिए 3 लाख रुपए तक की मांग की गई। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों को लाखों रुपए का भुगतान किया गया है, वे ईमानदारी से कैसे काम कर सकते हैं।
क्या है मामला
सोमवार को भाजपा के 6 विधायकों ने अपनी ही सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए वन विभाग में अधिकारियों के तबादलों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इन विधायकों का दावा है कि जब वन मंत्री विदेश में थे तो 200 से ज्यादा अधिकारियों के तबादले किए गए थे। इसकी शिकायत इन विधायकों ने वन मंत्री से की थी। इसके बाद वन मंत्री ने सभी तबादलों को रद्द कर मामले की जांच के आदेश दिए थे।
Created On :   6 Jun 2023 10:26 PM IST