महाराष्ट्र: मराठा आरक्षण पर विपक्षी की दोहरी भूमिका सदन में समर्थन, बाहर की आलोचना

मराठा आरक्षण पर विपक्षी की दोहरी भूमिका सदन में समर्थन, बाहर  की आलोचना
  • मराठा आरक्षण विधेयक पारित हो गया
  • विपक्षी की दोहरी भूमिका

डिजिटल डेस्क, मुंबई. महाराष्ट्र विधान मंडल के दोनों सदनों में मंगलवार को मराठा आरक्षण विधेयक पारित हो गया। इस दौरान सदन में विपक्ष ने इस विधेयक पर कोई सवाल खड़े किए बैगर समर्थन किया पर सदन से बाहर निकलते ही विपक्षी नेताओं के सुर बदल गए। सदन में विधेयक के समर्थन में खड़े विपक्षी नेताओं ने सदन के बाहर मराठा आरक्षण विधेयक पर सवाल खड़े करते हुए कहा की सरकार मराठा समाज को धोखा दे रही है और यह आरक्षण अदालत में टिक नहीं पाएगा।

राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा समाज को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए विधेयक पेश किया। इसके बाद सदन में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण देने का विरोध करने का कोई कारण नहीं है। इस लिए हमारी मांग है की विधेयक बहुमत से नहीं बल्कि सर्वसम्मति से पारित किया जाए। इसके बाद मराठा आरक्षण विधेयक सर्व सहमति से पारित हो गया। सदन से बाहर निकलते ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता वडेट्टीवार के सुर बदल गए। विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मराठा समाज को सरकार ने फिर धोखा दिया है।

चुनाव को ध्यान में रखकर वोट हासिल करने के लिए आरक्षण का ख्वाब दिखाया जा रहा है। विपक्ष के नेता ने कहा कि विशेष सत्र सिर्फ नौटंकी थी। यह आरक्षण में टिक नहीं पाएगा। आज जो 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, वह बिना किसी आधार के दिया गया है। इसलिए यह आरक्षण कोर्ट में टिक नहीं पाएगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि पहले कोर्ट से खारिज हो चुके आरक्षण और इस आरक्षण में कोई फर्क नहीं है। यह आरक्षण भी अदालत में नहीं टिक पाएगा। रांकापा (शरद) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा की सरकार मराठा समाज को फंसा रही है साथ ही ओबीसी समाज में डरा रही है।

सरकार ने जल्दबाजी में लिया फैसलाः पटोले

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि राज्य सरकार ने आरक्षण के लिए विशेष सत्र बुलाया लेकिन सरकार ने बिल पर चर्चा तक नहीं की। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। पटोले ने सवाल किया कि क्या ये आरक्षण कोर्ट में टिक पाएगा? पटोले ने कहा कि मनोज जारांगे पाटिल ने मराठा समुदाय के लिए आंदोलन शुरू किया है। आज भी वे भूख हड़ताल पर हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि जारांगे पाटिल की मांगें मान ली गई हैं। गुलाल भी उड़ा, फिर क्यों जारांगे पाटिल को अनशन पर बैठना पड़ा।

मुख्यमंत्री को जनता को बताना चाहिए कि उन्होंने जारांगे पाटिल से क्या कहा था। पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार का दावा है कि मराठा समुदाय का पिछड़ापन साबित हो चुका है, मूलतः इस सर्वे पर कई संदेह उठाए गए हैं। यह आश्चर्यजनक है कि मुंबई शहर में ही छह दिनों में 26 लाख लोगों का सर्वेक्षण किया गया

Created On :   20 Feb 2024 3:52 PM GMT

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