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समीर वानखेड़े को 8 जून तक गिरफ्तारी से मिली राहत, 7 जून को देना होगा लिखित जवाब
- हाईकोर्ट का निर्देश - सीबीआई और एनसीबी 3 जून को लिखित जवाब दाखिल करें
- वानखेडे 7 जून को लिखित जवाब दाखिल करें
- वानखेडे को 8 जून तक गिरफ्तारी से मिली राहत
डिजिटल डेस्क, मुंबई, वरिष्ठ संवाददाता। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेडे को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। वानखेडे को सीबीआई की गिरफ्तारी से 8 जून तक संरक्षण दिया गया है। अदालत ने इस दौरान वानखेडे को सीबीआई की जांच में सहयोग करने का निर्देश भी दिया है।
न्यायमूर्ति अभय आहूजा और न्यायमूर्ति एम.एम. साठे की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को समीर वानखेडे की याचिका पर सुनवाई हुई।
अदालत ने अपने आदेश में सीबीआई और एनसीबी को 3 जून को लिखित में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। साथ ही समीर वानखेडे को भी 7 जून को लिखित जवाब दायर करने को कहा है। याचिका पर 8 जून को अगली सुनवाई रखी गई है।
अदालत ने वानखेडे को किसी भी तरह से प्रेस में बयान नहीं देने और सोशल मीडिया पर किसी भी तरह से जांच और एफआईआर से संबंधित कोई जानकारी प्रसारित नहीं करने का निर्देश दिया है।
वानखेडे के वकील ने कहा-जांच या पूछताछ की जरूरत नहीं
सीबीआई ने अदालत में हलफनामा दाखिल कर वानखेडे को गिरफ्तार कर समग्र जांच करने की बात कही। वानखेडे के वकील अबाद पोंडा ने सीबीआई की वानखेडे से पूछताछ और समग्र जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17 (ए) के अनुसार, पुलिस प्राधिकरण के समक्ष किसी भी जांच या पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है। इस जांच में सरकार को दो साल क्यों लगे? इस तरह के मामले में चार महीने के भीतर जांच की जानी चाहिए थी, लेकिन जांच में देरी हुई। यह जांच के नाम पर एक तमाशा है।
सीबीआई का वानखेडे की गिरफ्तारी पर जोर
सीबीआई के वकील कुलदीप पाटिल ने दलील कि उनके पास आरोपी समीर वानखेडे के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। आरोपी सबूतों को नष्ट कर सकता है। आरोपी को अगर मौका दिया गया, तो वह जांच को प्रभावित और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। इसलिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17 (ए) के तहत समग्र जांच के लिए आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की जा सकती है। केंद्र सरकार से मिली जांच की मंजूरी के बाद से जांच शुरू की गई। इसलिए हम जांच के लिए उसकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। वानखेडे ने केवल दो दिन ही जांच में सहयोग किया है।
चल रही विभागीय जांच भी
एनसीबी की ओर से वकील प्रतिभा जगताप ने कहा कि गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद समीर वानखेडे के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। जांच नियमानुसार की जा रही है। इसलिए आरोपी की ओर से जांच देरी से शुरू करने को लेकर सवाल उठाना पूरी तरह से गलत है।
पूरा मामला
एनसीबी ने अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को 1 अक्टूबर 2021 को कोर्डेलिया ड्रग्स क्रूज शिप मामले में गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने इस मामले में समीर वानखेड समेत अन्य चार के खिलाफ 25 करोड़ रुपए रिश्वत मांगने और भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज की है। सीबीआई ने समीर से शनिवार और रविवार को पूछताछ की। समीर ने अदालत में सीबीआई की जांच में पूरी तरह से सहयोग का आश्वासन दिया है।
हाईकोर्ट में क्या-क्या हुआ
वानखेडे को जांच से संबंधित जानकारी प्रेस को, सोशल मीडिया पर नहीं देने का निर्देश।
वानखेडे के वकील अबाद पोंडा ने समग्र जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए।
सीबीआई के वकील कुलदीप पाटिल की दलील- आरोपी जांच को प्रभावित और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है।
एनसीबी-गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद समीर वानखेडे के खिलाफ विभागीय जांच शुरू।
वानखेडे को मिली धमकी
समीर वानखेडे ट्विट कर कहा है कि उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी मिली है। उन्होंने कहा कि मैं पुलिस से इस बारे में शिकायत करूंगा। कुछ समय पहले समीर वानखेडे नागपुर के संघ कार्यालय गए थे।
Created On :   22 May 2023 8:53 PM IST