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ट्रेन कॉरिडोर : अक्टूबर तक शुरू होगा देश की सबसे लंबी अंडर सी टनल निर्माण का काम
- मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन कॉरिडोर
- महाराष्ट्र में 21 कि.मी लंबी टनल होगी
- समुद्र के नीचे से 7 कि.मी मीटर लंबी सुरंग गुजरेगी
डिजिटल डेस्क, मुंबई, सुजीत गुप्ता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के निर्माण को अब महाराष्ट्र में भी रफ्तार मिलने जा रही है। इस परियोजना के अंतर्गत भारत की पहली 7 किलोमीटर लंबी समुद्री रेल सुरंग सहित 21 किलोमीटर लंबी सुरंग के निर्माण के लिए नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआरसीएल) ने मैसर्स एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। एनएचआरसीएल के अधिकारियों के मुताबिक, इस अनुबंध के बाद अक्टूबर से महाराष्ट्र में 21 किमी लंबी बुलेट ट्रेन के टनल का निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। टनल निर्माण से जुड़ी टेंडर की तकनीकी बोलियां 9 फरवरी 2023 को और वित्तीय बोलियां 6 अप्रैल 2023 को खोली गईं थीं।
राजेंद्र प्रसाद, प्रबंध निदेशक, एनएचएसआरसीएल के मुताबिक 21 किमी की सुरंग का निर्माण मुंबई-अहमदाबाद एचएसआर कॉरिडोर के सबसे चुनौतीपूर्ण अनुबंधों में एक है, जिसमें ठाणे क्रीक पर 7 किमी की समुद्री रेल सुरंग के तहत देश के पहले जुड़वां ट्रैक का निर्माण शामिल है। इस टनल के निर्माण में तीन टनल बोरिंग मशीन और न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड का इस्तेमाल किया जाएगा।
प्रोजेक्ट में क्या क्या होगा
सुरंग महाराष्ट्र राज्य में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स भूमिगत स्टेशन और शिलफाटा के बीच होगी।
ठाणे क्रीक (इंटरडिडल जोन) में समुद्र के नीचे 7 किमी (लगभग) सुरंग देश में बनने वाली पहली समुद्र सुरंग होगी।
सुरंग एक सिंगल ट्यूब सुरंग होगी, जो अप और डाउन ट्रैक दोनों के लिए ट्विन ट्रैक को समायोजित करेगी। पैकेज के हिस्से के रूप में सुरंग के आस-पास 37 स्थानों पर 39 उपकरण कमरों का भी निर्माण किया जाएगा।
इस सुरंग के निर्माण के लिए 13.1 मीटर व्यास के कटर हेड वाली टीबीएम का इस्तेमाल किया जाएगा। आमतौर पर एमआरटीएस - मेट्रो प्रणाली में उपयोग की जाने वाली शहरी सुरंगों के लिए 5-6 मीटर व्यास कटर हेड का उपयोग किया जाता है।
सुरंग के लगभग 16 किमी हिस्से को बनाने के लिए तीन टनल बोरिंग मशीनों का उपयोग किया जाएगा और शेष 5 किमी में टनल का काम न्यू ऑस्ट्रियाई टनलिंग विधि (एनएटीएम) के माध्यम से किया जाएगा।
यह सुरंग जमीनी स्तर से लगभग 25 से 65 मीटर गहरी होगी।
बीकेसी (पैकेज सी 1 के तहत), विक्रोली और सावली में क्रमशः 36, 56 और 39 मीटर गहराई की अनुमानित गहराई पर तीन शाफ्ट निर्माण की सुविधा प्रदान करेंगे। घनसोली में 42 मीटर का इंक्लिनेड शाफ्ट और शिलफाटा में टनल पोर्टल एनएटीएम टनलिंग विधि (नेटम) के माध्यम से लगभग 5 किमी सुरंग के निर्माण की सुविधा प्रदान करेंगे।
महाराष्ट्र में निविदा स्थिति
मुंबई एचएसआर स्टेशन [एमएएचएसआर पैकेज सी-1] - अनुबंध समझौते पर 20 मार्च 2023 को हस्ताक्षर किए गए थे।
मुंबई एचएसआर स्टेशन और शिलफाटा के बीच दोहरी लाइन के लिए सुरंग का निर्माण (लगभग 21 किमी) (एमएएचएसआर पैकेज सी-2) - अनुबंध समझौते पर गुरुवार को हस्ताक्षर किए गए।
शिलफाटा और जरोली गांव के बीच गुजरात-महाराष्ट्र सीमा (135 किमी) पर सिविल और बिल्डिंग निर्माण सहित 3 स्टेशन -ठाणे, विरार और बोईसर (एमएएचएसआर पैकेज सी -3) - तकनीकी बोलियां 12 अप्रैल 2023 को खोली गईं।
Created On :   8 Jun 2023 9:47 PM IST