शिक्षाधिकारी के फैसले पर पुनर्विचार करने 6 सप्ताह, शिक्षा उपसंचालक का आदेश खारिज

शिक्षाधिकारी के फैसले पर पुनर्विचार करने 6 सप्ताह, शिक्षा उपसंचालक का आदेश खारिज
  • शिक्षा उपसंचालक का आदेश खारिज
  • शिक्षाधिकारी के फैसले पर पुनर्विचार करने 6 सप्ताह

डिजिटल डेस्क, नागपुर. बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने नागपुर विभागीय शिक्षा उप संचालक के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें उप संचालक ने शिक्षाधिकारी के विवादित फैसले को खारिज किया था। एक स्कूल शिक्षक की जन्म तारीख संबंधी विवाद पर उपसंचालक के फैसले को खारिज करके हाई कोर्ट ने उन्हें 6 सप्ताह में पुनर्विचार करने का आदेश दिया है।

जन्म तारीख से जुड़ा है मामला : याचिकाकर्ता दिलीप राठी के अनुसार उनकी जन्म तारीख 12 जून 1967 है और वे भंडारा स्थित लाहोटी नूतन महाराष्ट्र हाई स्कूल में सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त हुए थे। सर्विस बुक में भी उनकी जन्म तारीख 12 जून 1967 के रूप में ही उल्लेखित है, लेकिन उनके खिलाफ प्राप्त शिकायत के आधार पर स्कूल प्रबंधन को उनकी जन्म तारीख दो वर्ष अधिक यानी वर्ष 1965 करने का आदेश दिया।

याचिकाकर्ता ने इसके खिलाफ विभागीय शिक्षा उप संचालक के पास अपील दायर की। लेकिन इस अपील को इस तर्क के साथ उप संचालक ने खारिज कर दिया कि सर्विस बुक में जन्म तारीख केवल नौकरी के शुरुआती 5 वर्षों में बदली जा सकती है। चूंकि याचिकाकर्ता की नौकरी को 25 से अधिक वर्ष हो चुके हैं, तो उनकी जन्म तारीख सन् 1965 ही रखी जाएगी। इस आदेश को याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में चुनौती दी।

मामले में सभी पक्षों को सुनकर हाई कोर्ट ने माना कि शिक्षा उप संचालक का निष्कर्ष गलत है। याचिकाकर्ता अपनी सर्विस बुक में जन्म तारीख नहीं संशोधित करवाना चाह रहे थे, बल्कि शिक्षाधिकारी के आदेश को उन्होंने चुनौती दी थी। उप संचालक को इस दिशा में फैसला सुनाना चाहिए था।


Created On :   24 July 2023 7:22 PM IST

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