सुसाइड: कर्ज के बोझ तले दबे किसान ने मेडिकल अस्पताल के परिसर में की आत्महत्या

कर्ज के बोझ तले दबे किसान ने मेडिकल अस्पताल के परिसर में की आत्महत्या
  • एक माह की दवाइयां एक ही दिन में खा ली
  • बड़े परिवार का अकेला कर्ता-धर्ता था
  • पूरा परिवार सदमे में

डिजिटल डेस्क, काटोल ( नागपुर)। मेडिकल अस्पताल के वार्ड-52 में काटोल के खरसोली क्षेत्र के एक किसान की उपचार के दौरान मौत हो गई। मृतक किसान सुरेश शंकरराव ठाकरे (48), खरसोली, काटोल निवासी है। सुरेश को गत 4 अप्रैल को मेडिकल अस्पताल में उपचार के लिए आया था। इस दौरान उसे एक माह की दवाइयां मिली थीं। उसने यह दवाइयां मेडिकल अस्पताल परिसर में एक साथ खा लीं। उसकी तबीयत खराब हो गई और उपचार के दौरान उसकी 13 अप्रैल को मेडिकल अस्पताल में मौत हो गई। सुरेश कर्ज के बोझ तले दबा था। बूढ़े माता-पिता, पत्नी, दो बेटियों और एक बेटे के परवरिश की जिम्मेदारी सुरेश के ही कंधे पर थी। सुरेश के इस कदम से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।

लोगों ने मेडिकल में भर्ती कराया था : मृतक किसान के चाचा रत्नाकर ठाकरे ने पुलिस को बताया कि, सुरेश ठाकरे गत 4 अप्रैल को मेडिकल अस्पताल में उपचार के लिए गया था। मेडिकल अस्पताल से उसे एक माह की दवाइयां मिली थीं। उसने दवाइयां मेडिकल अस्पताल में एक साथ खा लीं। उसके मुंह से झाग निकलने पर परिसर के लोगों ने उसे मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया। वार्ड नंबर 52 में उपचार के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई।

घर से अचानक गायब होकर अस्पताल पहुंचा था : सुरेश मेडिकल अस्पताल में भर्ती होने के बारे में उसके परिजनों को नहीं पता था। परिजनों ने 4 से 6 अप्रैल तक उसकी तलाश की। कुछ पता नहीं चलने पर परिजनों ने काटोल थाने में उसके लापता होने की शिकायत की। 10 अप्रैल को परिजनों को सुरेश मेडिकल अस्पताल में भर्ती होने की खबर मिली। तब परिजन अस्पताल पहुंचे। रत्नाकर ठाकरे ने बताया कि सुरेश कर्ज के बाेझ तले दबा था। उसे घरकुल मंजूर हुआ था। घरकुल के लिए उसने अपना पूरा घर तोड़ डाला था। उसके इस कदम से परिवार सदमे में है।

Created On :   14 April 2024 9:01 AM GMT

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