नागपुर मनपा और कचरा संकलन एजेंसियों में तनाव , बात न बनने पर कर सकते हैं हड़ताल

नागपुर मनपा और कचरा संकलन एजेंसियों में तनाव , बात न बनने पर कर सकते हैं हड़ताल
  • 2019 में घर-घर से कचरा संकलन के लिए दो एजेंसियों को किया था नियुक्त
  • दोनों कंपनियों की कार्यप्रणाली को लेकर की जा रही है समीक्षा
  • बिल भुगतान नहीं होने से दी हड़ताल की चेतावनी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में कचरा संकलन के लिए नियुक्त दोनों एजेंसियों की ओर से मनपा द्वारा बिल भुगतान में देरी को लेकर तनाव की स्थिति बन गई है। दोनों कंपनियों ने हड़ताल की चेतावनी दी है। पिछले तीन साल से डीजल के दामों में वृद्धि और न्यूनतम वेतन बढ़ोतरी के अंतर की राशि भी मनपा से नहीं मिली है। ऐसे में कर्मचारियों को वेतन देने और ईंधन खर्च नहीं निकलने से हड़ताल का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि मनपा के अधिकारियों का दावा है कि दोनों कंपनियों से हड़ताल को लेकर कोई सूचना अथवा नोटिस नहीं दिया गया है। दोनों कंपनियों की कार्यप्रणाली को लेकर समीक्षा हो रही है। इसके साथ ही सभी वाहनों की ऑनलाइन ट्रेकिंग हो रही है। वाहनों की अनियमितता को लेकर दंडात्मक कार्रवाई भी की जा रही है। कंपनियों के नियमित रूप से बिलों के भुगतान हो रहे हैं।

की जा रही दंडात्मक कार्रवाई : वर्ष 2019 में घर-घर से कचरा संकलन के लिए दो एजेंसियों को नियुक्त किया गया है। दोनों एजेंसियों की कार्यप्रणाली को लेकर प्रशासन द्वारा सावधानी बरती जा रही है। इतना ही नहीं, एजी एन्वायरों कंपनी के मिट्टी मिलाने के आरोपों को लेकर दंडात्मक कार्रवाई भी की जा रही है। दिसंबर माह में करीब 45 लाख और जनवरी माह में 35 लाख रुपए का दंड किया गया है। ऐसे में कंपनी के दिसंबर और जनवरी माह के बिल बकाया हैं। वहीं दूसरी कंपनी बीवीजी के जनवरी माह का बिल प्रलंबित है। दोनों कंपनियों की ओर से आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए हड़ताल की चेतावनी दी जा रही है।

जनवरी का बिल लंबित : जोन क्रमांक 6 से 10 में कचरा संकलन की जिम्मेदारी संभालने वाली बीवीजी इंडिया कंपनी का जनवरी का बिल बकाया है। करीब 2.84 करोड़ की राशि के बिल भुगतान के साथ ही कंपनी को 13 लाख रुपए का दंड लगाया गया है। कंपनी के अधिकारियों का तर्क है कि दंड की रकम को बेवजह थोपा गया है, जबकि कचरा संकलन समेत अन्य दायित्वों के निर्वाह में कोई कमी नहीं पाई गई है।

दो माह का बकाया : जोन क्रमांक 1 से 5 में कचरा संकलन की जिम्मेदारी एजी एन्वायरों कंपनी संभाल रही है। दिसंबर में करीब 3.50 करोड़ और जनवरी में 3.50 करोड़ रुपए का बिल मनपा को प्रस्तुत किया है, लेकिन दो माह से बिल का भुगतान नहीं हुआ है। प्रशासन ने करीब 70 लाख रुपए का दंड लगाया है। कंपनी के अधिकारी के मुताबिक दंड की रकम को कटौती कर बिल भुगतान नहीं करने से डीजल खर्च और कर्मचारी वेतन के लिए भी मुश्किल हो रही है। डीजल खर्च और न्यूनतम वेतन के प्रतिवर्ष करीब 2.40 करोड़ रुपए की भुगतान को लेकर भी प्रयास नहीं हुआ है।

कोई कोताही नहीं, बेवजह दंड लगाया : शहर के पांच जोन में कचरा संकलन में कंपनी से कोई भी कोताही नहीं हुई है। बावजूद इसके 13 लाख रुपए का दंड लगाया गया है। कंपनी की ओर से वाहनों की निगरानी, कचरा संकलन में पूरी कड़ाई से काम हो रहा है। बिल भुगतान में देरी के साथ ही बेवजह दंड करने से दिक्कत होती है।रमाकांत भोंबे, प्रोजेक्ट हेड, बीवीजी इंडिया प्रा. लि., नागपुर

मनपा के जुर्माने से हो रही परेशानी : कचरा संकलन को लेकर बुनियादी सुविधाएं देने में मनपा प्रशासन ने प्रयास नहीं किया है। डीजल के दामों में बढ़ोतरी और मजदूरों के न्यूनतम वेतन के अंतर की राशि का भी 3 साल से भुगतान नहीं हुआ है। ट्रांसफर स्टेशन नहीं होने से कंपनी को परेशानी हो रही है। ऐसे में बिल भुगतान में देरी और दंड लगाने से नियमित कामों में कोताही होना स्वाभाविक हो रहा है। -डॉ. समीर टोनपे, प्रोजेक्ट हेड, एजी एन्वायरो लि., नागपुर

हड़ताल को लेकर कोई सूचना नहीं : दोनों कचरा संकलन एजेंसियों की ओर से हड़ताल को लेकर कोई भी जानकारी मुझे नहीं मिली है। कंपनियों के प्रबंधन ने कोई सूचना भी नहीं दी है। एजी एन्वायरों कंपनी की ओर से दिसंबर का बिल जनवरी माह के अंत में दिया गया है, जबकि बीवीजी कंपनी का केवल जनवरी का बिल ही बकाया है। दोनों कंपनियों के बिलों की भुगतान प्रक्रिया चल रही है। वाहनों पर दोनों कंपनियों के जीपीएस मौजूद है। वाहनों की गलत जानकारी मिलने पर कंपनियों ने जीपीएस उपकरण को बदलना चाहिए। डॉ. गजेन्द्र महल्ले, घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष, मनपा

Created On :   15 Feb 2024 6:20 AM GMT

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