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Nagpur News: गुरु के कारण जीवों की जीवनयात्रा होती है सुगम

- महिला योग-नृत्य परिवार ने किया गुरु को याद
- श्लोक पठन कर महत्व बताया
Nagpur News परमपिता परमात्मा, माता-पिता, परिजन, शिक्षक तो गुरु होते ही हैं। उनके अलावा जीवन में मीठे और कड़वे अनुभव देनेवाले सभी जीव हमारे गुरु समान ही होते हैं। इन सभी के कारण आचरण, वाणी, व्यवहार और चाल-चरित्र की समझ तैयार होती है। हमें हरेक से कुछ ना कुछ सीख मिलती है, सीख देनेवाला गुरु समान ही होता है। उनके कारण हमारे जीवन यात्रा की राह सुगम होती है। इसलिए ऐसे सभी गुरु और गुरुसमान व्यक्तित्व वंदनीय होते हैं। इस कारण गुुरुपूर्णिमा इन सभी को वंदन करने का अवसर है। ऐसा योग-नृत्य प्रशिक्षक राजेश उमाठे ने कहा। गांधीबाग महिला योग-नृत्य परिवार की तरफ से गुरुपूर्णिमा पर्व मनाया गया। इस अवसर पर योग-नृत्य व भक्तिपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
गणेश वंदना व गुरुवंदना से शुरुआत : कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। भगवान दत्तगुरु के छायाचित्र पर माल्यार्पण किया गया। इसके बाद गणेश वंदना व गुरुवंदना की गई। गायक सत्यजीत नायक ने गणेशवंदना प्रस्तुत की। सुप्रिया बावनकुले व टीम ने सामूहिक रुप से ‘गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नम:’ श्लोक पठन किया। बाद में इसका अर्थ समझाया गया कि गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है और गुरु ही भगवान शंकर है। गुरु ही साक्षात परब्रह्म है। गुरुपूर्णिमा पर्व की महत्ता बताते हुए कहा कि इस दिन अपने गुरु के प्रति आस्था प्रगट की जाती है। विधिवत रूप से गुरु पूजन किया जाता है। इस पर्व को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन चारों वेदों के रचयिता और महाभारत महाकाव्य की रचना करने वाले वेद व्यास का जन्म हुआ था। यह पर्व अपने आराध्य गुरु को श्रद्धा अर्पित करने का महापर्व है।
भक्ति कार्यक्रमों से मिलती आध्यात्मिक ऊर्जा : कार्यक्रम के दौरान उपस्थित मान्यवर राजेश उमाठे, अरविंद कोसारकर, विशाल गुप्ता, जगदीश वाठ आदि का सत्कार किया गया। योग-नृत्य महिला मंडल की प्रमुख प्रशिक्षक लक्ष्मी गोखले का सामूहिक रुप से सत्कार किया गया। उनके द्वारा गांधीबाग उद्यान में 2018 से निरंतर निशुल्क योग नृत्य कक्षा संचालित की जा रही है। जिसका असंख्य लोगों को लाभ मिल रहा है। कार्यक्रम में उपस्थित मान्यवरों ने अपने विचार रखते हुए योग-नृत्य व भक्ति की परिपूर्णता से जीवन सार्थक होने की बात रखी। उन्होंने कहा कि योग-नृत्य से शरीर स्वस्थ होता है। वहीं भक्तिपूर्ण कार्यक्रम से मन को शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है। इससे हमारे भीतर सकारात्मक भाव पैदा होते है और हमारे सभी कार्य निर्विघ्न रुप से पूर्ण होते हैं। कार्यक्रम की सफलता के लिए अर्चना बोंडे, साजिदा खान, हेमलता ढगे, नंदा पुंजलवार, आरती जोशी, कविता घारपांडे, परवीन बाजी, हेमलता उखारे, सुनिता खेरगडे आदि ने सह्योग किया। संचालन सुप्रिया बावनकुले ने किया। कार्यक्रम के समापन पर सभी उपस्थितों को प्रसाद नाश्ता वितरित किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गांधीबाग उद्यान के अरुणोदय परिवार, इंद्रधनुष परिवार, संगीत सरिता व स्वर अलंकार परिवार के सदस्यगण उपस्थित थे।
Created On :   11 July 2025 4:39 PM IST