नागपुर: बच्चों की कहानी सुनी तो लिया सेवा का संकल्प

बच्चों की कहानी सुनी तो लिया सेवा का संकल्प
  • कोरोना में अनाथालय की मदद
  • 40 बच्चों को स्वेटर दिए

डिजिटल डेस्क, नागपुर, चंद्रकांत चावरे | समाज में ऐसी महिलाएं हैं, जो मातृ शक्ति बनकर दूसरों के दुख-दर्द बांटना अपनी जिम्मेदारी मानती हैं। इन महिलाओं का स्वभाव छोटी-छोटी खुशियां बांटने का होता है। पता चला कि कहीं कोई तकलीफ में है, उसे किसी चीज की जरूरत है, तो यह महिलाएं नि:संकोच ऐसे लोंगों की मदद के लिए दौड़ पड़ती हैं। उस समय उनके पास देने के लिए कोई सामग्री न हो, तो भी वह अपनी प्रबल मानसिक शक्ति के बल पर जरूरतमंद के लिए कुछ न कुछ सहायता करती हैं। ऐसी ही एक महिला का नाम है पुष्पलता आशीष नंदनवार।

मन द्रवित हो उठा : 2018 में पुष्पलता को एक शिक्षिका ने बताया कि स्कूल में कुछ ऐसे बच्चे पढ़ते हैं, जिन्हें दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं है। उनके परिवार के हालत ऐेसे हैं कि वे अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ा तो रहे हैं, लेकिन उनके पास शिक्षा की सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पैसे नहीं हैं। सर्दी आई तो, गर्म कपड़े नहीं। दोपहर में स्कूल में मिलने वाली खिचड़ी बचाकर रात के लिए घर ले जाते हैं। जब पुष्पलता ने यह कहानी सुनी, तो मन द्रवित हो उठा। उन्हें ऐसा लगा कि इन बच्चों को कुछ मदद करनी चाहिए। फिर उन्होंने कुछ लोगों को जोड़ा, ताकि मदद का स्वरूप ऐसा हो कि बच्चों की उस समय की जरूरत पूरी की जा सके।

40 बच्चों को स्वेटर दिए : पुष्पलता ने बच्चों के बारे में अपने परिचितों को बताया। पहली बार 3 हजार रुपए कलेक्ट हुए। इसके बाद अन्य लोगों ने और हेल्प की। इस तरह 35 हजार रुपए जमा हुए। दिसंबर में सर्दी के मौसम में स्कूल के 40 बच्चों को स्वेटर खरीदकर दिए गए। बच्चों के चेहरे पर खुशियां देखते ही बनती थीं। इसी स्कूल की एक बच्ची को बार-बार ब्लड की जरूरत होती थी। इसके लिए हर बार मदद की जाती रही। इसी साल अगस्त में यहां के 45 बच्चों को गणवेश दिया गया है। पुष्पलता ने महसूस किया कि यही मानवधर्म है, हम किसी को कुछ दे नहीं सकते, लेकिन उनके लिए खुशियां जरूर ला सकते हैं। यहीं से पुष्पलता ने सेवा का व्रत लिया। तब से निरंतर सेवा कार्य शुरू है।

कोरोना में अनाथालय की मदद : कोरोनाकाल में उत्तर नागपुर के एक अनाथालय की स्थिति काफी दयनीय थी। जब संस्था के सज्जन ने पुष्पलता को हालात से अवगत कराया तो पुष्पलता ने उन्हें मदद करने के लिए आश्वस्त किया। सहेलियों से बातचीत कर उनसे मदद का आह्वान किया। सभी की मदद से अनाथालय को एक बड़ी रक्कम दान दी गई। अनाथ लोगों को, कर्मचारियों को, वहां के पाकगृह को लगने वाली जरूरी सामग्री मुहैया कराई गई। स्थिति सामान्य होने के बाद भी वहां सभी तरह की मदद की जाती है। लकडगंज में की एक संस्था में निराधार लोगों को रखा जाता है। यहां भी कपड़े, दवा, सैनिटरी पैड आदि की मदद की गई है।

कमाई का कुछ हिस्सा समाजाकार्य के लिए : अकोला में लड़कियों का गायत्री अनाथालय है, जिसमें निराधार लड़कियों को रखा जाता है। उनके शिक्षा, स्वास्थ्य, राेजगार, निवास से लेकर विवाह तक के सारे कार्य संस्था द्वारा किए जाते हैं। इस संस्था ने पुष्पलता से कुछ जरूरतों के बारे में बताया, तो वहां भी कुछ राशि दान दी गई। कुछ समय पहले एक बच्चे के पैर कमजोर होने से उसे सपोर्ट पैड की आवश्यकता थी। पुष्पलता ने तुरंत उस बच्चे के लिए सपोर्ट पैड की मदद की। पुष्पलता द्वारा पुराने कपड़े संग्रहित कर उनकी धुलाई, इस्त्री कर उन्हें पैक िकया जाता है और जरूरतमंदों को दिए जाते हैं। पुष्पलता बताती हैं कि वह पेशे से दंत चिकित्सक हैं, इसलिए उसके यहां आने वाले हर गरीब व निर्धन मरीजों का उपचार नि:शुल्क होता है। इसके अलावा मुख कैंसर, दातों की विविध बीमारियों को लेकर भी जागरूकता अभियान चलाती हैं। वह अपनी कमाई का कुछ हिस्सा जरूरतमंदों पर खर्च करती हैं।

Created On :   20 Oct 2023 5:06 PM IST

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