- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- 241 पहुंचा एक्यूआई, शहर की आबोहवा...
नागपुर: 241 पहुंचा एक्यूआई, शहर की आबोहवा खराब
- दीपावली से पहले ही ऑक्सीजन में धूलकण
- पिछले साल से सबक नहीं
- शहर में कुल 9 मानिटरिंग स्टेशन
डिजिटल डेस्क, नागपुर. देश की राजधानी दिल्ली में हवा की स्थिति बेहद खतरनाक हो गई है। उपाय योजना को लेकर उठापटक हो रही है। ऐसे में उपराजधानी की हवा में भी खराबी दर्ज हो रही है। दीपावली के दौरान आतिशबाजी से वायु प्रदूषित हो जाती है। कई दिन तक हवा में खतरनाक धूलकण बने रहने से श्वास में दिक्कत समेत कई बीमारियां परेशानी बढ़ जाती है, लेकिन इस मर्तबा दीपावली के पहले ही शहर के एयर क्वालिटी मॉनिटरिग स्टेशनों में हवा के धूलकणों का स्तर मानकों से ऊपर पहुंच गया है। अगले दो सप्ताह में शहर में हवा की स्थिति भी खतरनाक स्तर पर पहुंचने की आशंका जताई जा रही है।
दीपावली से पहले ही ऑक्सीजन में धूलकण
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से शहर में 4 स्थानों पर हवा गुणवत्ता जांच केन्द्र बनाए गए हैं, पर शहर के समीप कोराड़ी परिसर में कोई भी एयर क्वालिटी मानिटरिंग मौजूद नहीं है, जबकि यहां थर्मल पावर स्टेशन बड़े पैमाने पर पीएम-10 और पीएम 2.5 को पैदा कर रहे हैं। शहर के गोधनी, सीए रोड, सदर, वर्धा रोड जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी गणना की व्यवस्था ही नहीं की गई है। हालांकि शहर के चारों वायु गुणवत्ता गणना वाले स्थानों पर भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
पिछले साल से सबक नहीं
पिछले साल दीपावली के सप्ताह भर शहर में हवा की स्थिति बेहद खतरनाक पाई गई थी। दीपावली के दिन पटाखों के चलते 25 अक्टूबर की दोपहर 1 बजे पीएम 2.5 का स्तर 391 पहुंच गया था। इसके बाद 25 अक्टूबर की शाम तक लगातार 327 तक गया, पटाखों के जलने के करीब 12 घंटे तक स्थिति खतरनाक बनी रही। यह आंकड़े सबसे सुरक्षित इलाके सिविल लाइन्स स्थित मानिटरिंग स्टेशन में दर्ज हुए थे। शहर के अन्य स्टेशनों में पीएम 2.5 का स्तर 500 तक पहुंच गया था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से व्यापक उपाय योजना करने को लेकर निर्देश जारी करने की जानकारी दी गई थी, लेकिन अब तक कोई भी पहल नहीं हाे पाई है।
शहर में कुल 9 मानिटरिंग स्टेशन
शहर में कुल 9 मानिटरिंग स्टेशन मौजूद हैं, इनमें 5 स्टेशन एमपीसीबी कार्यालय, सदर पालिटेक्निक कॉलेज, विभागीय आयुक्त कार्यालय परिसर, शंंकर नगर और हिंगना एमआईडीसी का समावेश है। एमपीसीबी का दावा है कि इन सभी स्टेशनों में लगातार वायु गुणवत्ता की जांच होती है। शहर में नागरिकों को वायु गुणवत्ता सूचकांक की तथ्यात्मक जानकारी पहुंचाने के लिहाज से नेशनल क्लीन एयर प्रोजेक्ट में 2.50 करोड़ की लागत से 4 स्थानों पर नए स्टेशन बनाए गए हैं। इन स्टेशनों में वीएनआईटी, एलआईटी, महल के मनपा कार्यालय और मेडिकल चौक का समावेश है। बावजूद इसके दीपावली के दौरान पटाखों से वायु प्रदूषण के आंकड़ों की स्थिति की जानकारी अब तक नहीं हो पाई है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट पर अकेले जीपीओ के मानिटरिंग स्टेशन का आंकड़ा मौजूद है। इसमें भी वायु गुणवत्ता की खतरनाक स्थिति दर्ज है।
व्यापक व्यवस्था और सही गणना ही पर्याय
कौस्तुभ चटर्जी, संस्थापक, ग्रीन विजिल फाऊंडेशन के मुताबबिक किसी भी शहर में प्रदूषण की सही स्थिति की गणना बेहद आवश्यक हो जाती है। इसके साथ ही निर्माणकार्य वाले इलाकों में व्यापक सुरक्षा इंतजाम होने चाहिए, ताकि धूलकणों का व्यवस्थापन हो सके। निर्माणकार्य स्थल को ग्रीन नेट से ढंकने के साथ ही समय-समय पर जल छिड़काव होना चाहिए, ताकि धूलकण को वायुमंडल में फैलने से रोका जा सके। सबसे महत्वपूर्ण बेहद प्रदूषण और भीड़भाड़ वाले इलाकों की गणना हो, ताकि व्यवस्थापन की योजना संभव हो सके।
तीन दिन से हवा बेहद खराब
पिछले तीन दिन से हवा का स्तर खतरनाक दर्ज किया जा रहा है। शहर में निर्माणकार्य गतिविधियों के साथ ही रास्तों को तैयार करने का काम भी जारी है। इसके साथ ही वाहनों के ध्वनि और वायु प्रदूषण से भी स्थिति खराब हो रही है। मानकों के मुताबिक पीएम 2.5 का न्यूनतम स्तर 100 माना जाता है, लेकिन शहर के चारों एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों पर स्थिति मानकों से अधिक बनी हुई है। शनिवार को शहर में जीपीओ चौराहे के मानिटरिंग स्टेशन में हवा की गुणवत्ता मानकों से अधिक यानी 241 पर पाई गई है। यही स्थिति अन्य स्टेशनों में भी बनी हुई है। महल परिसर में 209, अंबाझरी परिसर में 160 और रामनगर क्षेत्र में 167 पाया गया है।
Created On :   5 Nov 2023 6:20 PM IST