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Nagpur News: बारिश बढ़ने से बफर जंगल सफारी पर लगा ब्रेक, नहीं पहुंच रहे हैं पर्यटक

- स्थिति सामान्य तक ऐसे ही रहेंगे हाल
- बफर जंगल सफारी पर लगा ब्रेक
Nagpur News. राष्ट्रीय व्याघ्र संवर्धन प्राधिकरण (एनटीसीए), नई दिल्ली के आदेशानुसार, हर साल 1 जुलाई से जंगल सफारियां अगले चार महीनों के लिए बंद कर दी जाती हैं। हालांकि, इस दौरान बफर जोन में सीमित सफारियां संचालित की जाती हैं। लेकिन पिछले 48 घंटों से हो रही भारी बारिश ने स्थिति को बिगाड़ दिया है, जिसके कारण सोमवार से बफर जोन की जंगल सफारियां भी बंद रखी गई हैं। क्योकि यहां एक भी पर्यटक नहीं पहुंच पाया। वन विभाग के अनुसार बहुंत ज्यादा बारिश होने पर स्थिति सामान्य होने तक कोर के साथ बफर भी बंद रखा जाएगा।
जंगल सफारी प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अनूठा अनुभव है। उमरेड-करांडला, पवनी और पेंच व्याघ्र प्रकल्पों में हर साल हजारों पर्यटक जंगल की हरियाली, वन्यजीवों और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने आते हैं। बाघ, तेंदुआ, हिरण और अन्य शाकाहारी वन्यजीवों को देखने का रोमांच पर्यटकों को आकर्षित करता है। मानसून के दौरान जंगल सफारियों पर रोक इसलिए लगाई जाती है, क्योंकि बारिश के कारण जंगल के रास्तों में नदियों का उफान और पेड़ गिरने का खतरा पर्यटकों की सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा करता है। हालांकि, बारिश का हर दिन जोखिम भरा नहीं होता।
मौसम साफ होने पर जंगल की सैर का आनंद दोगुना हो जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए इस बार पेंच व्याघ्र प्रकल्प और ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के बफर जोन में ऑफलाइन टिकट बुकिंग के माध्यम से सफारी की अनुमति दी गई थी। पवनी गेट पर भी पर्यटकों को बारिश में जंगल भ्रमण का अवसर प्रदान किया गया था। यह निर्णय पर्यटकों के लिए सुखद था, क्योंकि बारिश में जंगल का प्राकृतिक सौंदर्य और भी निखर जाता है। हरियाली, झरनों का बहाव और वन्यजीवों की सक्रियता इस मौसम में सफारी को और रोमांचक बनाती है।
पेंच व्याघ्र प्रकल्प अपनी जैव-विविधता और बाघों की अच्छी संख्या के लिए प्रसिद्ध है, जबकि ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प महाराष्ट्र में बाघों की संख्या के मामले में शीर्ष पर है। बफर जोन में सफारी के दौरान पर्यटक न केवल वन्यजीवों को देख सकते हैं, बल्कि जंगल के शांत और मनोरम वातावरण का भी आनंद ले सकते हैं। ऑफलाइन बुकिंग की सुविधा से पर्यटकों को अंतिम समय में भी टिकट उपलब्ध हो रहे थे। लेकिन रविवार रात से लगातार हो रही बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं। जंगल की कच्ची सड़कों पर भूस्खलन और पेड़ गिरने का खतरा बढ़ गया है। जिसके कारण एक भी पर्यटक सफारी के लिए नहीं पहुंचा। जिससे दिनभर सफारियां बंद रही। वन विभाग के अनुसार कुछ दिनों तक ऐसा चलेगा।
Created On :   7 July 2025 5:30 PM IST