खराब रास्ते, बेहाल नागरिक

  • उत्तर नागपुर के नागरिकों की परेशानी
  • बेहाल नागरिक

डिजिटल डेस्क, नागपुर. बरसात आरंभ होते ही उत्तर नागपुर के नागरिकों की परेशानी बढ़ गई है। बरसों से मनपा और नासुप्र प्रशासन से रास्तों के निर्माण की मांग की जा रही है, लेकिन केवल आश्वासन मिल रहा है। मनपा अधिकारियों के मुताबिक नासुप्र का कार्यक्षेत्र होने के चलते कोई पहल नहीं हो सकती है। इससे नागरिकों के बुरे हाल हो रहे है। शहर के उत्तर नागपुर में डोंगरे ले आउट, पटेल नगर, संघर्षनगर, गोविंदगढ़, वानखेड़े लेआउट, वांजरा, खसाड़ा, उप्पलवाड़ी पावर हाउस परिसर में अब तक रास्ते नहीं बने हैं। इनमें से अकेले वांजरा में मुख्य सड़कें बनाई गई है, लेकिन आंतरिक इलाकों में रास्ता नहीं बनाया गया है। इसके कारण नागरिकों को खासा परेशान होना पड़ रहा है। इस मामले में स्थानीय नगरसेवक कई मर्तबा मनपा प्रशासन को निवेदन दे चुके हैं, लेकिन प्रशासन से केवल आश्वासन ही मिलता रहा है। हाल ही में करीब 1.50 किमी क्षेत्र में दुरुस्ती के नाम पर मुरूम डालकर खानापूर्ति की गई है। बरसात के दिनों में इन इलाकों की 10 हजार से अधिक आबादी रास्तों के अभाव में घरों में कैद नजर आ रही है।

कई बार आंदोलन, लेकिन नहीं मिली राहत : उत्तर नागपुर के रास्तों की बदहाली को लेकर तत्कालीन नगरसेवक मनोज सांगोले ने कई मर्तबा आंदोलन किया है। परिसर के छात्र और जनता भी सड़कों पर उतरी, लेकिन राहत नहीं मिली है। दो साल पहले नासुप्र के चेयरमैन मनोज सूर्यवंशी और मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी ने दौरा किया था। आयुक्त राधाकृष्णन बी ने प्रोजेक्ट 3 में शामिल करने का निर्देश कार्यकारी अभियंता सोनाली चव्हाण को दिया था। प्रोजेक्ट विभाग से 24 करोड़ का प्रस्ताव बनाया गया था, जिसमें गुरुनानक फार्मेसी कालेज से कामगार नगर चौक, दीपक नगर चौक, नारी टी प्वाइंट, समर्थनगर को जोड़कर 1.50 किमी सीमेंट रास्ता प्रस्तावित था। तत्कालीन पालकमंत्री नितीन राऊत की पहल पर नासुप्र को 2 करोड़ रुपए आवंटन किया भी था, लेकिन नासुप्र ने टेंडर प्रक्रिया करने के बाद भी कार्यादेश नहीं दिया है। इसके पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी साल 2017-18 में 1.16 करोड़ रुपए भी मंजूर किए थे, ठेका एजेंसी गजभिये को जिम्मेदारी दी गई थी। इस बार भी सरकार बदलते ही यह मामला थम गया था। इसके बाद नासुप्र ने कोई भी पहल नहीं की। इस मामले में मनपा के आसीनगर जोन के सहायक आयुक्त हरीश राऊत से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला है।

जनता की मुसीबत समझे प्रशासन

मनोज सांगोले, पूर्व नगरसेवक के मुताबिक इस इलाके में नागरिकों के लिए बरसात मुसीबत का सबब साबित होती है। नासुप्र के कार्यक्षेत्र में होने के चलते दीपक नगर, सम्राट अशोक नगर, मैत्री कालोनी, कामगार नगर तेजिया कालोनी समेत अन्य स्थानों पर रास्तों की सुविधा नहीं होने से बरसात में शहर से इलाका अलग हो जाता है। कई मर्तबा नासुप्र और मनपा से आश्वासन मिला है, लेकिन हालात को ठीक करने की पहल नहीं हुई है। इस इलाके की जनता के मूलभूत अधिकारों को लेकर प्रशासन को गंभीरता से विचार करना चाहिए।


Created On :   17 July 2023 7:55 PM IST

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