जिस मुद्दे के विरोध में रही भाजपा, अब उसी का समर्थन

जिस मुद्दे के विरोध में रही भाजपा, अब उसी का समर्थन
  • कभी मुनगंटीवार ने 600 रुपए परीक्षा शुल्क को लूट बताया था
  • अब फडणवीस 1000 रुपए शुल्क को सही बता रहे

डिजिटल डेस्क, नागपुर. जिन मुद्दों का विपक्ष में रहते हुए राजनीतिक पार्टियां विरोध करती हैं, वही पार्टियां सत्ता मिलते ही उन मुद्दों का समर्थन करने लगती हैं। ऐसा ही एक मामला इन दिनों बेरोजगारों को परेशान कर रहा है। हाल ही में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश स्तर पर तलाठी के 4644 पद और नागपुर जिप स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत 557 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या बड़े पैमाने पर होने से हजारों लोग इसके लिए आवेदन कर रहे हैं। सरकार ने परीक्षा के लिए आवेदन शुल्क की रकम बढ़ाकर 1000 रुपए कर दी है। पहले यह 600 रुपए था। जब 600 रुपए परीक्षा शुल्क था, तब भाजपा ने ही इसका विरोध किया था। अब सरकार में बैठने के बाद भाजपा ही 1000 रुपए का समर्थन कर रही है। इससे सरकार की तिजोरी में बड़े पैमाने पर राजस्व जमा होने का दावा किया जा रहा है। यह बेरोजगारों की जेब ढीली करने वाला है। परीक्षा शुल्क में वृद्धि का बेरोजगारों द्वारा विरोध किया जा रहा है।

राज्य में तलाठी की तरह जिला परिषद में बड़े पैमाने पर पद रिक्त हैं। सरकार ने रिक्त जगह के 80 प्रतिशत पद भरने की अनुमति दी है। निजी एजेंसी को भर्ती प्रक्रिया संचालित करने का ठेका दिया गया है। नगापुर जिला परिषद के 557 पदों की भर्ती की जाएगी। निजी एजेंसी द्वारा परीक्षा के लिए एक सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। सभी जिला परिषदों को यह सॉफ्यवेयर भेजा गया है। तलाठी भर्ती प्रक्रिया की परीक्षा भी निजी एजेंसी लेगी। इसमें निजी एजेंसी को बड़े पैमाने पर आर्थिक लाभ होने का आरोप लग रहा है। इसकी वसूली परीक्षार्थियों से किए जाने का आरोप है। खुले प्रवर्ग के लिए 1000 रुपए और आरक्षित वर्ग के परीक्षार्थियों से 900 रुपए वसूले जाएंगे।

गरीब विद्यार्थियों पर मंहगाई की मार

अनिकेत कुत्तरमारे, विद्यार्थी के मुताबिक यह शुल्क बहुत ज्यादा है। सामान्य गरीब विद्यार्थियों की क्षमता से बाहर है। पैसों के अभाव में विद्यार्थियों पर परीक्षा से वंचित रहने की नौबत आ गई है। एमपीएससी की परीक्षा ऑफलाइन होती है। दस्तावेज लगते हैं, फिर भी उसका शुल्क 300 से 350 रुपए है। यह परीक्षा ऑनलाइन है, फिर भी ज्यादा शुल्क लिया जा रहा है। विद्यार्थियों की लूट शुरू है। उपमुख्यमंत्री का कहना है कि 50 हजार की ट्यूशन लगाने वाले एक हजार रुपए भर सकते हैं। सभी विद्यार्थी ट्यूशन नहीं लगाते हैं। इसकी जांच करनी चाहिए।

पहले : विरोधी पक्ष में रहते हुए भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने विधानसभा में प्रश्न पूछते हुए कहा था कि 600 रुपए ओपन और 400 रुपए एससी, एसटी के लिए परीक्षा शुल्क है। यह परीक्षा गड़बड़ घोटाला है। बेरोजगार गरीब हैं। मंत्री का बेटा एसटी महामंडल और स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करने वाला है क्या? है क्या कोई माई का-लाल, जो कहे कि मेरा बेटा क्लास-3 की नौकरी करेगा।

अब : मुंबई के मानसून अधिवेशन में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि 1000 रुपए से कोई गरीब या श्रीमंत नहीं होता है। गंभीर लोग आने चाहिए, इसलिए 1000 रुपए शुल्क रखा है। लोग कह रहे हैं कि 1000 रुपए न दें। यही बच्चे प्राइवेट क्लास में 50-50 हजार रुपए देते हैं।


Created On :   14 Aug 2023 6:28 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story