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इटारसी-जरीपटका उड़ानपुल का मामला - समिति के सदस्य को ही है रिपोर्ट पर आपत्ति
- उड़ानपुल का मामला
- समिति के सदस्य को ही है रिपोर्ट पर आपत्ति
- बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नागपुर. प्रस्तावित इटारसी जरीपटका रेलवे उड़ानपुल का विरोध करती जनहित याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट के आदेशानुसार पुल का निरीक्षण करके विशेष समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। रिपोर्ट में जो सिफारिशें की गई हैं, उस पर स्वयं समिति के एक सदस्य जीवन निकोसे ने ही आक्षेप जताया है। उन्होंने अपनी स्वतंत्र रिपोर्ट हाई कोर्ट में प्रस्तुत की है, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने अपना लिखित अभिप्राय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया था, लेकिन अंतिम रिपोर्ट में इसे शामिल नहीं किया गया। साथ ही रिपोर्ट पर उनसे बहुत जल्दबाजी में हस्ताक्षर लिए गए। निकोसे ने अपनी स्वतंत्र रिपोर्ट हाई कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की है। हाई कोर्ट ने उन्हें 26 जुलाई तक यह रिपोर्ट सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग के नागपुर क्षेत्र के मुख्य अभियंता को प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
मार्ग बंद हो गया है
गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता रमेश वानखेडे ने जरीपटका रेलवे ओवर ब्रिज और मकोसाबाग से सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआई) उड़ानपुल इन दोनों प्रकल्पों पर अपनी जनहित याचिका पर आपत्ति ली है। इसमें आरोप लगाया गया है कि इटारसी-जरीपटका रेलवे उड़ानपुल का पुराना नक्शा पूरी तरह बदलने के कारण नजूल ले-आउट कॉलोनी के नागरिकों के आवागमन का मार्ग बंद हो गया है। बीती सुनवाई में इस प्रकरण में जरीपटका दुकानदार संगठन ने मध्यस्थी अर्जी दायर करके रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण वैध होने का पक्ष लिया था। जिसके बाद हाई कोर्ट ने दोनों प्रस्तावित प्रकल्पों का निरीक्षण करके 5 विशेषज्ञों की समिति गठित की थी। समिति ने कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में अपनी िरपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की थी।
Created On :   14 July 2023 7:20 PM IST