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Nagpur: छत्तीसगढ़ से शुरू क्रांतिकारी पहल पहुंची महाराष्ट्र ,महिला कमांडो’ ने थामी कमान

Nagpur News नागपुर जिले के तीन गांव वलनी, खंडाला और पारडी को ‘महिला कमांडो’ ने नई पहचान दी है। यहां की 120 महिलाएं अब ‘कमांडो’ बनकर अपने गांवों को आदर्श गांव बनाने में जुट चुकी हैं। इस प्रोजेक्ट की सफलता के बाद शिक्षा मंत्रालय के उन्नत भारत अभियान में शामिल करने आईआईटी दिल्ली को प्रस्ताव भेजा गया। प्रस्ताव को मान्यता मिली और इसे पायलट प्रोजेक्ट बनाया गया। इस प्रोजेक्ट को देश भर में लागू करने के लिए आईआईटी दिल्ली ने रिपोर्ट मांगी। अब देश भर में शुरुआत करने के लिए पॉलिसी तैयार की जा रही हैं।
अब कवर्धा में शराबी नहीं
2023 में छत्तीसगढ़ के कवर्धा से आईं छाया से योगेश अनेजा की मुलाकात हुई। योगेश एक कॉलेज में शिक्षा मंत्रालय अंतर्गत उन्नत भारत अभियान के समन्वयक हैं। छाया ने बताया कि गांव की ‘महिला कमांडो’ ने गांव को अादर्श गांव बनाया है। इस अभियान की शुरुआत 2006 में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के गुंडेरदेही गांव से पद्मश्री शमशाद बेगम ने शुरुआत की है। शमशाद बेगम को समाजोत्थान व महिला सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार ने 2012 में उन्हें पद्मश्री अलंकरण से नवाजा है। योगेश ने उनसे संपर्क किया। उनके मार्गदर्शन में नागपुर में काम शुरू किया गया। योगेश ने प्रोजेक्ट को सरकारी स्तर लागू करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया।
10 गांवों का चयन, 30 गांवों ने की पूछताछ
2024 में नागपुर के वलनी गांव में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई। महिलाओं को सुरक्षा, सशक्तिकरण व आत्मनिर्भरता का प्रशिक्षण दिया गया। इस गांव में 50 महिला कमांडो बनी। इस प्रोजेक्ट को शिक्षा मंत्रालय के उन्नत शिक्षा अभियान में शामिल करने के लिए आईआईटी दिल्ली को प्रस्ताव भेजा गया। आईआईटी दिल्ली ने इसे पायलट प्रोजेक्ट के लिए मान्यता दी। वलनी के अलावा समीपस्थ खंडाला में 50 और पारडी में 20 ‘महिला कमांडो’ तैयार हो चुकी हैं। यह संख्या लगातार बढ़ रही है। 10 अन्य गांवों का चयन किया जा रहा है।
पुलिस दल को जोड़कर बनीं ऊर्जावान
सामाजिक विषमता और कुरीतियों के कारण पीढ़ियों से महिलाएं पीड़ा झेलते हुए जीवन बीता रही हैं। उनकी सुरक्षा, सशक्तिकरण व अात्मनिर्भर बनाना जरूरी है, यह सोचकर एक-एक महिलाओं को बुलाकर समझाना शुरू किया गया। सामाजिक कुरीतियों का विरोध, दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या, घरेलू हिंसा, नशाखोरी, आदि को रोकने का अभियान ‘महिला कमांडो’ के माध्यम से शुरू किया। महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, सशक्तिकरण व आत्मनिर्भरता के लिए सरकारी योजनाओं को गांवों तक पहुंचाकर लाभ दिलाना शुरू किया। उनकी सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिस दल को जोड़ा गया।
खुशहाली की राह दिखाना ही उद्देश्य
‘महिला कमांडो’ की शुरुआत करने के बाद से हजारों परिवारों को खुशहाली की नई राह मिली है। अकेले छत्तीसगढ़ के 14 जिलों के सैकड़ों गांवों में 75 हजार से अधिक महिला कमांडो तैयार कर गांवों को आदर्श बनाया गया है। पहले जहां किशोर, युवा, बुजुर्ग सभी शराब व अन्य प्रकार के नशाखोरी में पैसा व परिवार बर्बाद कर देते थे, अब वहां पैसे की बचत हो रही है। यह महिलाएं पुलिस मित्र बनकर काम करती हैं। बचत समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भरता, शिक्षा व रोजगार की राह खुल चुकी हैं। -पद्मश्री शमशाद बेगम, संस्थापक अध्यक्ष-सहयोगी जनकल्याण समिति, गुंडरदेही (छत्तीसगढ़)
Created On :   6 Oct 2025 11:25 AM IST