अंतरजातीय विवाह: आर्थिक सहायता के लिए चक्कर काट रहे युगल

आर्थिक सहायता के लिए चक्कर काट रहे युगल
  • 5 साल में 800 से अधिक आवेदन
  • 550 जोड़ों को अनुदान का इंतजार

डिजिटल डेस्क, नागपुर. अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देने राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाती है। साल 2017-2018 से अब तक 800 से अधिक युगलों ने अंतरजातीय विवाह रचाए। इनमें से 550 युगलों को आर्थिक सहायता का इंतजार है। उन्हें जिला परिषद के समाज कल्याण विभाग में चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

50 हजार रुपए आर्थिक सहायता

समाज में जाति-जाति के बीच भेदभाव की जड़ें मजबूत हैं। उसे तोड़कर अंतरजातीय विवाह रचाने पर जिला परिषद के समाज कल्याण विभाग द्वारा 50 हजार रुपए आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना में केंद्र और राज्य सरकार की 50-50 फीसदी भागीदारी है। अंतरजातीय विवाह रचाने वाले जोड़ों में कोई एक पिछड़ी जाति से होना आवश्यक है।

मंडरा रहे संकट के बादल

समाज के विरोध को दरकिनार कर अंतरजातीय िववाह रचाने पर परिवार से टूट गए। सरकार से आर्थिक सहायता भी नहीं मिली। दोनों ओर पेंच फंस जाने से उन पर मंडरा रहे संकट के बादल छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं।

बैंक खाते में जमा होती है रकम : अंतरजातीय िववाह रचाने पर सरकार से मिलने वाली आर्थिक सहायता उनके संयुक्त बैंक खाते में जमा होती है। केंद्र सरकार से निधि उपलब्ध नहीं होने के कारण आर्थिक सहायता लाभार्थियों को नहीं दिए जाने की विभाग के सूत्रों ने जानकारी दी।

Created On :   19 Oct 2023 11:46 AM GMT

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