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Nagpur News: जमानत को 50 रुपए नहीं थे तो जेल जाना पड़ा, इसलिए हमने उद्योग-व्यवसाय की कला सीखी-गडकरी

- लोगों का नेताओं पर विश्वास नहीं,मेरी समस्या है कि मेरे पर ज्यादा विश्वास है
- आरक्षण को लेकर संघर्ष के साथ सामाजिक व सांस्कृतिक विकास का प्रयास भी जारी रखें
- मराठा के समान यूपी, बिहार में ब्राम्हण शक्तिशाली
Nagpur News आर्थिक मामले में आत्मनिर्भर बनने का आव्हान करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने कहा है कि पैसों के बिना कुछ नहीं होता है। उन्होंने कहा-एक बार आंदोलन के बाद जमानत के लिए 50 रुपये नहीं थे तो जेल जाना पड़ा था, इसलिए हमने उद्योग-व्यवसाय की कला सीखी। आरक्षण मामले पर उन्होंने कहा कि संघर्ष के साथ सामाजिक व सांस्कृतिक विकास का भी प्रयास जारी रखें। यह भी कहा कि लोगों का नेताओं पर विश्वास नहीं , मेरी समस्या है कि मेरे पर ज्यादा विश्वास है। शनिवार को हलबा समाज महासंघ के स्वर्ण महोत्सव समारोह के उद्घाटन के मौके पर गडकरी बोल रहे थे। समारोह का आयोजन हलबा समाज महासंघ सांस्कृतिक भवन दीनदयाल नगर में किया गया। पूर्व विधायक विकास कुंभारे, हलबा समाज महासंघ के अध्यक्ष डॉ.देवराम नंदनवार, महासचिव डॉ.रमेश पराते उपस्थित थे।
समय,सबका बदलता है : हलबा समाज की स्थिति का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा-समय सबका बदलता है। सबने आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। मेरा जन्म धापेवाड़ा में हुआ,वहां हलबा समाज की संख्या अधिक थी। हलबा कारीगरों को हाथ बुनकरी से लेकर हाथ भट्टी के काम का दौर देखना पड़ा है। जनता पार्टी की सरकार के समय जनता साड़ी ने नागपुर और हलबा समाज को एक पहचान दी। लेकिन साड़ी के लिए बनी समितियों में भ्रष्टाचार ने सबकुछ गड़बड़ कर डाला। हलबा समाज फिर से विकास कर रहा है। मैं लूना गाड़ी पर घूमता था। आज पुलिस के 10-20 वाहन आगे पीछे घूमते हैं। सदैव कहता हूं पहले अपना घर-परिवार , उद्योग-व्यापार संभालो। पैसे नहीं तो कुछ नहीं हो सकता है। एक बार आंदोलन के दौरान कम्युनिस्ट नेता एबी वर्धन व कश्यम के साथ मुझे पकड़ा गया। मजिस्ट्रेट के सामने खड़ा किया गया। जमानत के लिए 50 रुपये नहीं थे तो हमें जेल जाना पड़ा था। हमने उद्योग-व्यवसाय की कला सीखी।
मराठा समान,ब्राम्हण शक्तिशाली : गडकरी ने कहा-मैं ब्राम्हण जाति से हूं। परमेश्वर ने मेरे पर उपकार किया है। हमें आरक्षण नहीं है। महाराष्ट्र में ब्राम्हण का महत्व नहीं है। लेकिन महाराष्ट्र में मराठा के समान यूपी, बिहार में ब्राम्हण शक्तिशाली है। मैं मानता हूं कि जाति, पंथ, धर्म, लिंग से कोई बड़ा नहीं होता है। व्यक्ति अपने कार्य से बड़ा होता है। हलबा समाज के आरक्षण के संघर्ष का गवाह रहा हूं। अधिकारी व मंत्री स्तर पर चर्चाएं करायी है। लेकिन इस समाज में आरक्षण का संकट बना हुआ है। कईयों ने नौकरियां गंवाई है। लोग मेरे से काफी उम्मीदें रखते हैं। वे कहने लगते हैं कि गडकरी है तो कोई भी काम हो ही जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। मैं लोगों से मजाक में कहता हूं कि मेरे पास ताजुद्दीन बाबा के समान चमत्कार नहीं है।
हेमामालिनी करेंगी रैंप : गडकरी ने कहा कि धापेवाडा टेक्सटाइल प्रकल्प जल्द पूरा होगा। बुनकर महिलाओं ने बनायी साड़ी 12 हजार रुपये में बिक रही है। साड़ी को प्रोत्साहन देने के लिए अभिनेत्री हेमामालिनी नागपुर आएंगी। धापेवाडा की साड़ी पहनकर रैंप करेगी।
Created On :   20 Sept 2025 7:25 PM IST