केंद्र: नागपुर के नेशनल इन्स्टिट्यूट फॉर वन हेल्थ में निदेशक पद सृजन और मुंबई मेट्रो लाइन-3 की लागत को मंजूरी

नागपुर के नेशनल इन्स्टिट्यूट फॉर वन हेल्थ में निदेशक पद सृजन और मुंबई मेट्रो लाइन-3 की लागत को मंजूरी
  • मुंबई मेट्रो लाइन-3 की संशोधित लागत को केंद्र की मंजूरी
  • ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ को केन्द्र ने दी मंजूरी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने एकीकृत रोग नियंत्रण और महामारी से निपटने की तैयारी के लिए राष्ट्रीय वन स्वास्थ्य मिशन को नेतृत्व प्रदान करने की दिशा में नागपुर के नेशनल इन्स्टिट्यूट फॉर वन हेल्थ में निदेशक के पद के सृजन को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की गुरुवार को यहां हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि नागपुर के नेशनल इन्स्टिट्यूट फॉर वन हेल्थ के निदेशक के रूप में वैज्ञानिक एच (वेतन स्तर 15 में) के स्तर पर एक पद के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जो मिशन निदेशक के रूप में भी काम करेगा। ठाकुर ने बताया कि वैज्ञानिक एच स्तर पर नेशनल इन्स्टिट्यूट फॉर वन हेल्थ के निदेशक के एक पद के सृजन से लगभग वार्षिक वित्तीय 35.59 लाख रुपये का भार आयेगा। नेशनल इन्स्टिट्यूट फॉर वन हेल्थ के निदेशक मानव, एनिमा, पौधे और पर्यावरण क्षेत्रों को एक साथ लाकर एकीकृत रोग नियंत्रण और महामारी से निपटने की तैयारी के लिए बहु-मंत्रालयी और बहु-क्षेत्रीय राष्ट्रीय एक स्वास्थ्य अभियान निदेशक के रूप में काम करेंगे।

मुंबई मेट्रो लाइन-3 की संशोधित लागत को केंद्र की मंजूरी

केंद्र सरकार ने मुंबई मेट्रो लाइन-3 (कोलाबा-बांद्रा सीप्ज़) कॉरिडोर के संशोधित लागत मंजूरी दे दी है। मुंबई मेट्रो-3 कॉरिडोर का मूल खर्च 23 हजार 136 करोड़ रुपये था। महाराष्ट्र सरकार के इस परियोजना में बढे हुए खर्च की राशि बढाकर देने की मांग को स्वीकार करते हुए अब संशोधित लागत 37,276.00 करोड़ रुपये कर दी है।आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने बुधवार को पत्र लिखकर इस संबंध महाराष्ट्र सरकार को अवगत किया है। राज्य सरकार ने मेट्रो लाइन-3 के संशोधित लागत को मंजूरी के लिए 30 अगस्त 2022 को पत्र लिखा था। उसके बाद से सरकार लगातार इस परियोजना के बढे हुए खर्च की राशि को मंजूरी प्रदान करने के लिए प्रयास कर रही थी। आखिरकार मुख्यमंत्री कार्यालय के विशेष प्रयास के बाद केंद्र ने इस परियोजना की लागत को बढाकर 37 हजार 276 करोड़ रुपये करने को मंजूरी प्रदान कर दी है।

‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ को केन्द्र ने दी मंजूरी

उधर केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 75,021 करोड़ रूपये खर्च के साथ एक करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर पैनल लगाने के लिए ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ को मंजूरी दी गई। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल की हुई बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत एक करोड़ परिवारों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। प्रत्येक घर को 2 किलोवाट क्षमता की प्रणाली लगाने के लिए 60 प्रतिशत और 2 से 3 किलोवाट क्षमता के लिए अतिरिक्त 40 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए आवेदन के लिए नेशनल पोर्टल की शुरूआत की गई है। प्रत्येक घर में दो किलोवाट तक के रूफटॉप सोलर प्लांट की लागत 1,45,000 रूपए आएगी। इसमें से 78,000 रूपये की सब्सिडी केन्द्र सरकार देगी। श्री ठाकुर ने बताया कि इस योजना के तहत एक करोड़ घरों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिलने के साथ 15,000 रूपये सालाना की बचत भी होगी। योजना से 45 गीगा वॉट बिजली का उत्पादन होगा। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के सभी दफ्तरों पर 2025 तक सोलर पैनल लगाए जाएंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने गत 13 फरवरी को इस योजना की शुरूआत की थी।

Created On :   29 Feb 2024 5:10 PM GMT

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