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Nagpur News: बारिश में भी डटे रहे आंदोलनकारी किसान, शामिल हुए मराठा नेता जरांगे, मुंबई में बैठक, बच्चू कड़ू ले रहे हिस्सा

- राजमार्ग से हटेंगे किसान, तीसरे दिन भी जारी रहा आंदोलन
- मांग पूरी नहीं होने पर शुक्रवार को रेल रोको आंदोलन करने की तैयारी
Nagpur News. कर्जमाफी सहित अन्य मांगों को लेकर राज्य सरकार के विरोध में किसान महा-यलगार आंदोलन तीसरे दिन गुरुवार को भी जारी है। हालांकि उच्च न्यायालय के आदेश पर आंदोलन सड़क के बजाय मैदान में हो रहा है। इस बीच मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने किसान आंदोलन स्थल पर पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया है। किसान आंदोलन के प्रमुख नेता बच्चू कड़ू मुंबई रवाना हो गए है। गुरुवार की शाम 7 बजे मुंबई मंत्रालय में बैठक होगी। उसमें 42 लोग शामिल रहेंगे। इनमें प्रमुख विभागों के मंत्री , अधिकारी का समावेश है। आंदोलनकारियों ने कहा है कि कर्जमाफी के संबंध में वार्ता सफल नहीं होने पर शुक्रवार को रेल रोको आंदोलन किया जाएगा।
मंगलवार को बूटीबोरी परिसर में आंदोलन से नागपुर से गुजरनेवाले लगभग सभी प्रमुख महामार्ग अवरुद्ध हो गए। हैदराबाद, जबलपुर, अमरावती, चंद्रपुर, भंडारा की ओर जानेवाले मार्गों पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। बुधवार को बांबे उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने स्वयं संज्ञान लेकर आंदोलन से बाधित हुए यातायात का सुचारु करने का आदेश दिया। सरकार की ओर से दो राज्यमंत्री आशीष जैस्वाल व पंकज भोयर को आंदोलनकारियों से चर्चा के लिए भेजा गया। बुधवार की शाम को काफी बहस के बाद आंदोलनकारियों ने सड़क के बजाय मैदान में आंदोलन करने का निर्णय लिया।
बच्चू कड़ू के अलावा राजू शेट्टी, वामन चटप, महादेव जानकर सहित अन्य किसान नेता आंदोलन में सहभागी है। बच्चू कड़ू सहित अन्य नेताओं ने न्यायालय के आदेश पर तंज कसते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा है। कहा है कि न्यायालय की आड़ में सरकार किसानों की आवाज दबाने का काम कर रही है। कर्जमाफी की घोषणा सरकार ने ही की है। लेकिन उसके अमल की तारीख तक नहीं बतायी जा रही है। गुरुवार को आंदोलन स्थल पर पहुंचे मराठा नेता मनोज जरांगे ने कहा है- मैं किसान का पुत्र हूं इसलिए यहां आया हूं। मैं मुंबई नहीं जाऊंगा। मुंबई के विषय में नहीं पड़ूंगा। किसान आंदोलन को सभी के साथ की आवश्यकता है। सरकार के दांव पर आंदोलनकारियों को प्रति दांव चलने की आवश्यकता है। इस आंदोलन में किसान व कृषि मामलों के कई जानकार जुड़े हैं।
उधर राजमार्ग जाम करने पर हाई कोर्ट की सख्ती और सरकार के प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद किसानों ने तेवर नरम कर लिए। किसान अब आंदोलन सड़क के बजाय मैदान में करेंगे। यातायात के लिए सभी मार्गों को पूरी तरह से खोल दिया जाएगा। सरकार के प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद निर्णय लिया गया कि गुरुवार को मुंबई में सरकार की ओर से इस संबंध में बैठक होगी। इसमें आंदोलन के प्रमुख नेता कड़ू भी शामिल होंगे। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने वर्धा रोड (राष्ट्रीय महामार्ग 44) पर किसानों के आंदोलन से आम जनता को हो रही परेशानी पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आंदोलनकारियों पर कड़ा रुख अपनाया था। न्यायमूर्ति रजनीश व्यास की एकलपीठ ने कहा था कि आंदोलन करना आंदोलनकारियों का अधिकार है, लेकिन उसके कारण सड़क जाम करना नागरिकों के स्वतंत्र रूप से आवागमन के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। आंदोलनकारी तुरंत महामार्ग को खाली करें।
सहायक पुलिस आयुक्त से आंदोलनकारियों ने की छीना-झपटी
कोर्ट का आदेश लेकर आंदोलनस्थल पर पहुुंचे सहायक पुलिस आयुक्त से छीना-झपटी की गई। आदेश की प्रति आंदोलन स्थल तक शाम 5.50 बजे पहुंची। इस बीच जिलाधिकारी डॉ. विपिन कुमार इटनकर सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार सकारात्मक भूमिका अपनाए हुए है। सभी विषयों पर चर्चा की तैयारी है, लेकिन जिलाधिकारी को आंदोलनकारियों ने काफी खरी-खोटी सुनाई। आंदोलनकारियों ने कहा कि इससे पहले अन्न त्याग आंदोलन किया गया। और भी आंदोलन किए गए, लेकिन प्रशासन भी सरकार तक बात नहीं पहुंचा पाया था। जिलाधिकारी को वापस लौटना पड़ा। शाम करीब 7.30 बजे वित्त राज्यमंत्री आशीष जैस्वाल व गृह राज्यमंत्री पंकज भोयर सभा स्थल पर पहुंचे। उनको लेकर भी रोष व्यक्त किया गया। कहा गया कि ये दोनों राज्यमंत्री शाम 4 बजे आंदोलन स्थल पर पहुंचने वाले थे। उस समय पहुंचते तो काफी निर्णायक चर्चा होती। दोनों राज्यमंत्री विलंब से पहुंचे। हालांकि दो बार चर्चा के बाद कुछ बातों पर सहमति बनी।
कर्जमाफी की तारीख नहीं बता रहे : कड़ू
आंदोलन के नेता बच्चू कड़ू ने कहा कि सरकार ने कर्जमाफी की घोषणा की है। कई बार कहा है कि घोषणा पूरी की जाएगी। लेकिन इस पर अमल कब होगा, इसकी तारीख भी नहीं बता पा रहे हैं। सरकार कर्जमाफी की तारीख बताएगी, तो आंदोलन नहीं किया जाएगा। हम जानते हैं कि कर्जमाफी के लिए कई प्रक्रियाओं को पूरा करना पड़ता है। निधि की आवश्यकता रहती है। मार्च में बजट के समय भी कर्जमाफ किया जा सकता है। समस्या ये है कि सरकार तारीख भी नहीं बता रही है।
अदालत ने ये दिए थे आदेश
- 1. ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कड़ू और उनके समर्थक तुरंत सड़क खाली करें।
- 2. सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर आंदोलनकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- 3. यदि आंदोलनकारी और बच्चू कड़ू सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों से नहीं हटते हैं, तो संबंधित क्षेत्र के पुलिस आयुक्त, पुलिस अधीक्षक, हाईवे ट्रैफिक के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक तथा अन्य अधिकारी आवश्यक कदम उठाकर ट्रैफिक सामान्य करें।
- 4. यह कार्यवाही 29 अक्टूबर शाम 6 बजे तक पूरी की जाए और नागपुर पुलिस आयुक्त 30 अक्टूबर को सुबह 11 बजे तक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
- 5. यदि आंदोलन में विकलांग, वरिष्ठ नागरिक, महिलाएं या बच्चे शामिल हैं, तो उन्हें पूरी मर्यादा और सम्मान के साथ हटाया जाए।
- 6. पुलिस को अधिकार है कि वे उन आंदोलनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें जिन्होंने 26 अक्टूबर 2025 की अनुमति की शर्तों का उल्लंघन किया है।
- 7. आदेश ईमेल या व्हाट्सऐप के माध्यम से संबंधित सभी अधिकारियों को तुरंत भेजा जाए। सभी अधिकारी इस आदेश की ई-कॉपी पर कार्रवाई करें।
- 8. पुलिस अधिकारी आदेश की जानकारी बच्चू कड़ू को भी दें।
Created On :   30 Oct 2025 5:49 PM IST
















