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करोड़ों खर्च, फिर भी नहीं खुल रहा ताला
- नियोजन भवन के मुख्य द्वार पर जड़ा ताला खोलने के लिए फंड की दरकार
- 7 करोड़ रुपए की अभी भी है आवश्यकता
डिजिटल डेस्क, नागपुर. जिला नियोजन भवन की इमारत पर ताला जड़ा है। मुख्य द्वार के स्थान पर प्लायवुड ठोंककर ताला लगाया गया है। मुख्य द्वार बनाने के लिए फंड का इंतजाम नहीं हो सका है। इस इमारत के निर्माण कार्य पर अब तक करीब 8.28 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। बावजूद यह इमारत पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हो पाई है। जिला नियोजन विभाग द्वारा इस इमारत का निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए 7 करोड़ रुपए की आवश्यकता जताई जा रही है। इस संबंध में प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है, लेकिन प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली है, जिससे लगभग 3 वर्ष से इमारत का निर्माण कार्य पूरी तरह ठप है।
नियोजन भवन तैयार करने की जिम्मेदारी जिस ठेका कंपनी को दी गई थी, वह परिसर से अपना सामान समेटकर जा चुकी है। सूत्रों के मुताबिक इस कंपनी के करीब 40 लाख रुपए के बिलों का भुगतान बकाया है। दूसरी ओर लोक निर्माण विभाग द्वारा जिला नियोजन कार्यालय को पत्र लिखकर इमारत अपने अधिकार में लेने का अनुरोध किया गया, जिसे यह कहकर ठुकरा दिया गया कि जब तक इमारत पूरी तरह बनकर तैयार नहीं होगी, तब तक इसे नियोजन विभाग अपने अधिकार में नहीं लेगा। अब यह इमारत लोक निर्माण विभाग के लिए भी सिर दर्द बन गई है। निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए फंड का इंतजाम नहीं हो पा रहा, दूसरी ओर अधूरी इमारत की सुरक्षा को लेकर समस्या उत्पन्न हो गई है। यहां चौकीदार तैनात नहीं है। इमारत परिसर में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है।
नियोजन भवन की इमारत अब तक पूरी तरह तैयार नहीं हो पाई है। इमारत की फिनिशिंग का काम शेष है। इसके लिए और फंड का प्रावधान अपेक्षित है। ठेेके के मुताबिक यह इमारत जनवरी-2017 तक पूरी तरह तैयार होनी चाहिए थी। फंड समय पर उपलब्ध न होने के कारण अब इसकी लागत लगभग दोगुनी हो गई है। वर्तमान में इस इमारत को पूरी तरह तैयार करने के लिए 10 करोड़ से अधिक की रकम की जरूरत है।
Created On :   9 Sept 2023 7:02 PM IST