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Nagpur News: महाकवि भदंत अश्वघोष की जीवन गाथा रंगमंच पर जीवंत, 64वीं मराठी राज्य नाट्य स्पर्धा में दी प्रस्तुति

- कथा और भावनात्मक प्रस्तुति
- सशक्त अभिनय और तकनीकी टीम की भूमिका
Nagpur News. भगवान बुद्ध के दर्शन को दो हजार से अधिक वर्ष बीत चुके हैं। उनके बाद अनेक शिष्यों ने अपने-अपने तरीके से धम्म का प्रचार किया। इन्हीं में से एक महान कवि भदंत अश्वघोष समय के प्रवाह में कहीं विलुप्त हो गए। उनके जीवन पर आधारित नाटक ‘महाकवि भदंत अश्वघोष’ का मंचन मंगलवार को किया गया। यह नाटक 64वीं मराठी राज्य नाट्य स्पर्धा के अंतर्गत वसंतराव नाईक स्मृति सभागृह, वनामति में प्रस्तुत किया गया। नाटक का लेखन भानुदास जीवने ने किया, जबकि निर्देशन संजय सायरे ने संभाला। प्रस्तुति क्रिएटिव मल्टीपरपज ऑर्गनाइजेशन की ओर से दी गई।
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कथा और भावनात्मक प्रस्तुति
नाटक में प्रथम शताब्दी ईस्वी में जन्मे कवि अश्वघोष के जीवन को बेहद मार्मिक ढंग से दिखाया गया। चारों वेद, उपनिषद, स्मृति और शास्त्रों के ज्ञाता अश्वघोष को एक क्षत्रिय कन्या से प्रेम हो जाता है, किंतु पिता के विरोध और माता की मृत्यु से व्यथित होकर वे बुद्ध धर्म की दीक्षा लेते हैं। क्षत्रिय कन्या सरयू नदी में अपने प्राणों की आहुति देती है। नाटक में इन घटनाओं को भावनात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया, जिससे दर्शक गहराई से जुड़ सके।
सशक्त अभिनय और तकनीकी टीम की भूमिका
नाटक में संजय सायरे, रत्नपाल गोटेकर, प्रतिभा खोबरागड़े, विनोद लोणारे, ज्योत्सना बंसोड, प्रमोद श्रीरामे, प्रीति तिरपुडे, रंगराज गोस्वामी, प्रकाश शंभरकर, आनंद पिल्लेवान, राजन मेश्राम, रूपाली पानतावणे और सीमा सुजवार ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं। पृष्ठभूमि संगीत अभिनय सायरे का था। परिधान ज्योत्स्ना, प्रकाश व्यवस्था तुषार भालेराव की थी, जबकि रंग संयोजन नकुल श्रीवास ने किया। मंच व्यवस्था रजन गोंडाने और सुनील शेंडे ने संभाली।
Created On :   13 Nov 2025 6:06 PM IST













