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Nagpur News: 36 हजार से अधिक लाड़ली बहनें योजना से बाहर

- 10 लाख 99 हजार 799 ने भरे थे आवेदन
Nagpur News लाड़ली बहन योजना के लिए पात्र लाभार्थी सूची से 36 हजार 190 महिलाएं बाहर हो गई हैं। योजना का लाभ उठाने 10 लाख 99 हजार 799 आवेदन भरे गए थे। विधानसभा चुनाव से पहले योजना लाई गई। योजना की शुरुआत में बिना जांच-पड़ताल किए सभी के खाते में रकम जमा की गई। महायुति सरकार के लिए योजना गेम चेंजर साबित हुई। राज्य में दोबारा महायुति की सरकार आई।
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योजना का आर्थिक बोझ कम करने के लिए सरकार ने लाडली बहन योजना की शर्तों में समय-समय पर सुधार किया। सरकारी नौकरी में रहकर भी योजना का लाभ उठाने वाली, जिनके पास चार पहिया वाहन हैं, ऐसे राज्यभर से 5 लाख नाम लाभार्थी सूची से हटाए गए। उस पर भी समाधान नहीं होने पर आंगनवाड़ी सेविकाओं के माध्यम से घर-घर सर्वेक्षण कर 18 से कम और 65 से अधिक आयु वर्ग की लाभार्थी, एक ही परिवार में 2 से अधिक लाभ उठाने वालों को खोजकर अपात्र ठहराया गया । अब ई-केवाईसी का हथियार अपनाया गया है।
आईटी रिटर्न भरनेवाले वंचित : ई-केवाईसी के माध्यम से आईटी रिटर्न भरने वालों को योजना से वंचित किए जाने की सूत्रों ने जानकारी दी। योजना की लाभार्थी महिला तथा उसके पति का आधार कार्ड व पैन कार्ड ई-केवाईसी के माध्यम से लाभार्थी के खाते से संलग्न किया जा रहा है। जिन्होंने आईटी रिटर्न भरा है, उनके नाम लाभार्थी सूची से हटाए जाने की जानकारी सामने आई है। दरअसल जिनके परिवार की आय सालाना 2 लाख, 50 हजार या उससे कम है, उन्हें इस योजना के लिए पात्र माना गया है। बताया जाता है कि जिनका आईटी रिटर्न जीरो है, उनके भी नाम लाभार्थी सूची से हटाए गए हैं।
खजाने पर बोझ : राज्य सरकार की तिजाेरी पर लाड़ली बहना की निधि का बोझ बढ़ने पर आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई। सरकार ने इसमें से रास्ता निकालने के लिए अपात्र लाभार्थियों की खोज मुहिम शुरू कर दी।
Created On :   13 Nov 2025 11:44 AM IST














