Nagpur News: जीवन के गूढ़ प्रश्नों के उत्तर का बोध कराती, मन से मन का वार्तालाप है - संवाद, पुस्तक का लोकार्पण

जीवन के गूढ़ प्रश्नों के उत्तर का बोध कराती, मन से मन का वार्तालाप है - संवाद, पुस्तक का लोकार्पण
  • मन से मन का वार्तालाप
  • संवाद का लोकार्पण संपन्न हुआ
  • जीवन के गूढ़ प्रश्नों के उत्तर सरल और आत्मीय रूप में प्रस्तुत

Nagpur News. प्रसिद्ध किडनी रोग विशेषज्ञ डाॅ. शिवनारायण आचार्य और सुप्रसिद्ध मनोरोग चिकित्सक डाॅ. सुधीर भावे की विशेष उपस्थिति में, उद्योगपति एवं चिटनवीस सेंटर के ट्रस्टी श्री विलास काले के मुख्य आतिथ्य में डाॅ. मुकुंद तिनगुरिया द्वारा लिखित पुस्तक “मन से मन का वार्तालाप... संवाद” का लोकार्पण समारोह चिटनवीस सेंटर में संपन्न हुआ।

लेखक ने बताई पुस्तक की अवधारणा

कार्यक्रम के प्रारंभ में लेखक डाॅ. मुकुंद तिनगुरिया ने अपने प्रास्ताविक भाषण में पुस्तक की अवधारणा, उद्देश्य और विषयवस्तु पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह पुस्तक व्यक्ति के अंतर्मन में उठने वाले प्रश्नों, जिज्ञासाओं और मानसिक उलझनों को संवाद के रूप में प्रस्तुत करती है।

वेदांत दृष्टिकोण से जीवन का मार्गदर्शन

विशेष अतिथि डाॅ. सुधीर भावे और डाॅ. शिवनारायण आचार्य ने अपने संबोधन में वेदांत दर्शन और उसके मानसिक स्वास्थ्य से संबंध पर विचार व्यक्त करते हुए लेखक को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। अध्यक्षीय संबोधन में विलास काले ने कहा कि यह पुस्तक वेदांत के दृष्टिकोण से जीवन के गूढ़ प्रश्नों के उत्तर सरल भाषा में प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि डाॅ. तिनगुरिया ने एक मित्र से संवाद के माध्यम से गहरे दार्शनिक विचारों को आत्मीय और सहज रूप में व्यक्त किया है, जिससे हर पाठक को आत्मिक संतुलन और आत्ममंथन का अवसर मिलेगा।

सम्मान और अभिनंदन

  • वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार डाॅ. सागर खादीवाला ने लेखक डाॅ. मुकुंद तिनगुरिया को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
  • माधुरी तिनगुरिया और श्रीमती सुषमा शर्मा ने शाल और तुलसी पौधा भेंट कर डाॅ. आचार्य और डाॅ. भावे का स्वागत किया।
  • लेखक डाॅ. तिनगुरिया ने भी विलास काले का शाल और तुलसी पौधा देकर अभिनंदन किया।

साहित्यप्रेमियों की रही बड़ी उपस्थिति

इस अवसर पर शहर के बुद्धिजीवी, साहित्यप्रेमी और अनेक विशिष्ट हस्तियाँ बड़ी संख्या में उपस्थित थीं। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन श्री उमेश शर्मा ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन लेखक डाॅ. मुकुंद तिनगुरिया ने व्यक्त किया।

Created On :   11 Nov 2025 8:29 PM IST

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