Nagpur News: नागपुर शहर में हथियार तस्करी का फैला जाल 10 माह में 28 कार्रवाई, 39 गिरफ्तार

नागपुर शहर में हथियार तस्करी का फैला जाल 10 माह में 28 कार्रवाई, 39 गिरफ्तार
सख्ती के बावजूद नहीं थम रहा अवैध कारोबार

Nagpur News उपराजधानी सहित विदर्भ के किसी भी जिले न तो कोई हथियार बनाने की फैक्टरी है और न ही किसी प्रकार का वैध उत्पादन केंद्र, फिर भी यहां पिस्तौल, कट्टा और माउजर जैसे घातक हथियारों के साथ आरोपी लगातार पकड़े जा रहे हैं। आखिर यह घातक सामान यहां तक पहुंचता कैसे हैं? यह पुलिस के सामने भी बड़ा सवाल बनकर खड़ा है।

लाखों का माल जब्त : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संतरानगरी में इस वर्ष के शुरुआती 10 महीने में क्राइम ब्रांच की विभिन्न टीमों व थाना स्तर पर हथियारों से जुड़ी कुल 28 कार्रवाई में 39 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 11 आरोपी, क्राइम ब्रांच की यूनिट टीमों के हत्थे चढ़े। कार्रवाई के दौरान क्राइम ब्रांच की यूनिट 2, 5, एनडीपीएस दस्ता और सामाजिक सुरक्षा दस्ते ने आरोपियों से 10 बंदूकें, 16 कारतूस सहित कुल 11 लाख 18 हजार 800 रुपए मूल्य का माल जब्त किया है।

यूपी और बिहार से लाते हैं : पिछले तीन वर्षों में भी पुलिस ने कई बार ऐसी ही कार्रवाई करते हुए कई अवैध हथियारों को जब्त किया था, जिसमें वर्ष 2023 में पुलिस परिमंडल 1 के तहत 16, वर्ष 2024 में 26 और नवंबर 2025 तक 28 हथियार संबंधी कुल 70 कार्रवाई की गई है।

जांच में यह खुलासा हुआ कि अधिकांश आरोपी पड़ोसी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश से ये हथियार खरीदकर नागपुर लाते हैं। सूत्र बताते हैं कि नागपुर में अब अवैध हथियारों का कारोबार एक संगठित नेटवर्क का रूप लेता जा रहा है। कई स्थानीय व्यक्ति बाहरी राज्यों से जुड़े गिरोहों के साथ मिलकर इस धंधे को अंजाम दे रहे हैं। यूपी और बिहार जैसे राज्यों से सस्ते दामों पर कट्टे और पिस्तौल लाकर यहां महंगे दामों पर बेचे जा रहे हैं।

आरोपियों पर पैनी नजर शहर में हथियार तस्करी में लिप्त आरोपियों की धरपकड़ को लेकर पुलिस बेहद गंभीर है। पिछले 10 माह में पुलिस के अलग- अलग दस्ते ने 39 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे कई हथियार जब्त किए हैं। कार्रवाई लगातार हो रही है और आगे भी जारी रहेगी। - राहुल माकणीकर, पुलिस उपायुक्त, क्राइम ब्रांच, नागपुर

उगाही में हथियारों का उपयोग : इन हथियारों का उपयोग प्रायः उगाही, गैंगवार और धमकाने जैसे अपराधों में किया जा रहा है। एक दशक पहले जब शहर में गैंगस्टरों का बोलबाला था, जैसे संतोष आंबेकर, रंजीत सफेलकर सहित अन्य कई गैंगस्टरों का गैंगवार चला करता था, तब भी हथियार निकाले जाने और कई बार फायरिंग के मामले सामने आते रहे हैं। तत्कालीन पुलिस आयुक्त डॉ. के. व्यंकटेशम ने इस अवैध कारोबार पर कड़ी नकेल कसी थी। कई बड़े तस्कर पकड़े गए और बंदूक सप्लाई करने वाले गिरोहों का पर्दाफाश हुआ, लेकिन हथियार तस्करी का यह नेटवर्क पूरी तरह खत्म नहीं हुआ।

Created On :   13 Nov 2025 2:23 PM IST

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