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नहीं दिया सपनों का घर ब्याज सहित पैसा वसूलें
- आंकड़ों में देखें - नागपुर में योजनाएं ऐसे पिछड़ीं
- किफायती आवास महज सपना
डिजिटल डेस्क, नागपुर, योगेश चिवंडे. ‘सबके लिए घर’ संकल्पना पर आधारित प्रधानमंत्री आवास योजना का राज्य में दिसंबर 2015 से क्रियान्वयन किया जा रहा है। 2022 की बजाए अब 2024 तक राज्य में 6 लाख 35 हजार 041 पात्र लाभार्थियों को आवास देने का लक्ष्य रखा गया है। योजना की प्रगति अपेक्षा अनुसार कम होने से राज्य सरकार ने अब कई कड़े कदम उठाए हैं।
नागपुर शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तीसरे घटक के तहत 1600 आवास बनाने का लक्ष्य महानगरपालिका ने 2017 में निर्धारित किया था। पहले चरण में वांजरा में 380 व नारी में 306 आवास बनाने का प्रस्ताव था, किंतु इस योजना के अंतिम चरण में मात्र 480 आवास के प्रस्ताव को ही मंजूरी मिली है।
वांजरा में खसरा नं. 24/4, 24/6 पर कामठी रोड के समीप पीली नदी क्षेत्र में बहुमंजिला इमारतों का निर्माणकार्य हाल ही में शुरू हुआ है। इस संकुल को स्वप्न निकेतन का नाम दिया गया है।
महानगरपालिका ने बहुमंजिला इमारतों मे 30 वर्ग मीटर के यही फ्लैट 8 लाख में निर्मित कराने की घोषणा की थी। उसमें ढाई लाख की सब्सिडी का लाभ मिलने से यह आवास मात्र 5 लाख 50 हजार रुपए में लाभार्थियों को देने का प्रस्ताव था, लेकिन अब इन फ्लैट की कीमत बढ़ा दी गई है।
चौथे घटक में नागपुर ने बहुत ही निराशाजनक प्रदर्शन किया। महानगरपालिका के 6 डीपीआर अब तक राज्य सरकार से मंजूर किए हैं, उनमें 2328 हितग्राही तय किए गए थे। इसमें से कुछ ही लोगों को सब्सिडी प्राप्त हुई है।
योजना में मंजूर हितग्राहियों की सूची राज्य सरकार को भेजने में देरी की गई, जिससे सैकड़ों हितग्राही सब्सिडी के लिए महीनों से मनपा कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
जिम्मेदारों पर नकेल
17 जुलाई 2023 को सरकार के गृहनिर्माण विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा कि जिन प्रकल्पों को केंद्र व राज्य सरकार की निधि वितरित की गई है और उक्त प्रकल्प प्रत्यक्ष में कार्यान्वित नहीं हुए हैं, ऐसे सभी प्रकल्पों को दी गई निधि ब्याज सहित वसूल किया जाए।
उक्त प्रकल्पों को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत दी गई सभी सुविधाएं भी वापस ली जाए तथा संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी निश्चित की जाए।
नगरपालिका, नगरपरिषद स्तर पर निधि वितरण के लिए मुख्याधिकार द्वारा योग्य क्रियान्वयन नहीं होने पर जिलाधिकारी से संबंधित मुख्याधिकारी, सीईओ व अन्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनकी जिम्मेदारी निश्चित करने कहा गया।
सभी मुख्याधिकारी से हर 15 दिन में रिपोर्ट ली जाए। जिन बिल्डरों ने बिना अनुमति अपने स्तर पर कीमतें बढ़ाकर फ्लैट बेचे हैं, ऐसे सभी प्रकरणों में संबंधित बिल्डरों पर जिम्मेदारी निश्चित कर कार्रवाई की जाए।
आंकड़ों में देखें - नागपुर में योजनाएं ऐसे पिछड़ीं
प्रधानमंत्री आवास योजना के चार घटक में से तीसरे घटक के तहत नागपुर सुधार प्रन्यास व नागपुर महानगर पालिका आवास का निर्माण कर रही है। चौथे घटक में नागपुर मनपा द्वारा लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए सब्सिडी दी जा रही है।
नागपुर सुधार प्रन्यास ने योजना के तीसरे घटक में 25 हजार आवास बनाने का लक्ष्य तय किया था। 4,345 आवास पूर्ण कर उनका आवंटन किया गया। तरोड़ी, वाठोडा व वांजरी में यह फ्लैट बनाए गए हैं।
आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग को किफायती आवास उपलब्ध करने हेतु तरोड़ी में 3,316, वाठोडा में 264 व वांजरी में 765 फ्लैट बनाए गए। इन फ्लैट की कीमत 9 लाख से 12 लाख तक रखी गई है। हालांकि मनपा भी इन योजनाओं को क्रियान्वित करने में फिसड्डी साबित हो रही है।
किफायती आवास महज सपना
अनिल वासनिक, संयोजक, शहर विकास मंच ने बताया कि मकानों की बढ़ीं हुई कीमतें व कम सब्सिडी के कारण शहरी गरीबों का पक्के मकान का सपना धराशायी हुआ है। आर्थिक कमजोर वर्ग के लिए किफायती आवास आज भी केवल सपना ही है।
Created On :   24 July 2023 6:43 PM IST