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नागपुर: प्रदर्शनी : गोंडकालीन किले की हू-ब-हू प्रतिकृति साकार
- प्रवेश द्वार की शान है गुंबद
- ऐतिहासिक विरासत
डिजिटल डेस्क, नागपुर. शिवछत्र प्रतिष्ठान की संकल्पना से लगाई गई किला प्रदर्शनी में चंद्रपुर के गोेंडकालीन किले की हुबहू प्रतिकृति साकार की गई है। चंद्रपुर के ऐतिहासिक किले का परकोट, महाकाली मंदिर, रानी हिराई व राजे बिरशाह की समाधी, शहर के पूरब और पश्चिम दिशा से बहती झरपट और इराई नदी के संगम के बीच प्राकृतिक संपदा से संपन्न शहर की झलक प्रतिकृति में साफ नजर आती है।
भीतर कोनेरी, बाहर रामाला तालाब
शहर के तत्कालीन दो तालाब किले की प्रतिकृति में साफ नजर आते हैं। उनमें से रामाला तालाब का अस्तित्व आज भी कायम है। उसका सौंदर्यीकरण कर उद्यान बनाया गया है। बगड़ खिड़की से बाहर निकलने पर रामाला तालाब के उद्यान में जाने का रास्ता है। दूसरा कोनेरी तालाब का अस्तित्व मिट गया है। वहां खेल का मैदान बनाया गया है।
प्रवेश द्वार की शान है गुंबद
किले के प्रवेश द्वार की दोनों ओर गुंबद बनाए गए हैं। वह किले की शान में चार चांद लगाते हैं। किले की दीवार पत्थर की जुड़ाई से बनी है। प्रवेश द्वारा से दोनों ओर कुछ दूरी तक वॉकिंग ट्रैक बने हैं। किले की प्रतिकृति देखने पर गोंडी राजघराने की दूरदृष्टि का अंदाजा लगाया जा सकता है। किला प्रदर्शनी में साकार की गई चंद्रपुर के गोंडकालीन किले की प्रतिकृति इतिहास के अभ्यासकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
ऐतिहासिक विरासत
गोंडकालीन चंद्रपुर का किला शहर की ऐतिहासिक विरासत है। किले के 4 दरवाजे और 3 खिड़कियां हैं। जटपुरा गेट शहर का मुख्य प्रवेश द्वार उत्तर दिशा में है। पूरब दिशा में अंचलेश्वर गेट है। वहां से बाहर निकलने पर कुछ अंतराल पर प्रख्यात महाकाली मंदिर है। पश्चिम दिशा में बिनबा गेट है। वहां से बाहर निकलने पर इरई नदी है। दक्षिण दिशा में पठानपुरा गेट आता है। गेट के बाहर इरई और झरपट नदी का संगम है। जटपुरा गेट के बाएं हाथ पर चोर खिड़की है। दाएं हाथ पर रामाला तालाब से आगे बढ़ने पर बगड़ खिड़की है। अंचलेश्वर गेट और पठानपुरा गेट के दरमियान हनुमान खिड़की है। पठानपुरा और बिनबा गेट के बीच विठाेबा खिड़की है।
तुकड़ोजी चौक में लगी प्रदर्शनी
शिवछत्र प्रतिष्ठान की ओर से तुकड़ोजी चौक में किले की प्रदर्शनी लगाई गई है। मुख्य कलाकार तेजस आकर्ते के मार्गदर्शन में तेजस कोडापे, शिव कायरवार, कान्हो वासनकर ने प्रदर्शनी आयोजित की। राजे मुधोजी भोंसले ने प्रदर्शनी को सदिच्छा भेंट देकर शुभेच्छा दी।
Created On :   19 Nov 2023 5:08 PM IST