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नागपुर: वांजरा और उप्पलवाड़ी के निवासी इलाके में चल रहे कारखाने
- कंपनी नियमों को ताक पर रखकर हो रहा संचालन
- कई कारखाना संचालकों ने चिमनी तक नहीं लगाई, खिड़कियों से निकाला जा रहा धुआं
- आसपास के इलाके में धुआं फैलने से दमा, टीबी, हार्टअटैक के शिकार हो रहे लोग
डिजिटल डेस्क, नागपुर| उत्तर नागपुर के वांजरा और उप्पलवाड़ी क्षेत्र में कई लोगों ने निवासी इलाके की जगह में प्लाॅट रहने के उद्देश्य से खरीदी की थी। प्लाॅट खरीदी करने के बाद उस जगह पर उन्होंने कारखाने शुरू कर दिया। निवासी इलाके में शुरू किए गए कारखानों के लिए सारे नियमों को ताक पर रख दिया गया। वांजरा और उप्पलवाड़ी क्षेत्र में 50 से अधिक कारखाने संचालित हो रहे हैं, जिनमें कंपनी अधिनियम के सारे नियमों को ताक पर रखकर कार्य हो रहा है। इन क्षेत्रों में कंपनी नियमों की अनदेखी के चलते परिसर में धुआं का प्रदूूषण तेजी से फैल रहा है। इसके चलते निवासी इलाके में चल रहे कारखानों से निकलनेे वाले जहरीले धुएं के कारण स्थानीय नागरिक टीबी, दमा, हार्टअटैक जैसी गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इन कारखानों में कई लोग ऐसे उत्पादन करते हैं, जिनके कारखानों में चिमनी नहीं होने के कारण धुआं दीवारों के अंदर खिड़कियों से बाहर निकाला जाता है। कुछ कारखाना मालिक तो ऐसे हैं कि दीवारों के अंदर ही बड़े सुराग बना दिए हैं, जिनके अंदर से रात और दिन में जहरीला धुआं निकलता है, जिससे निवासी इलाके में संचालित हो रहे कारखानों के कारण निवासी लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। ताज्जुब की बात यह है कि इन कारखानों का रिकार्ड न तो दमकल विभाग के पास है और न ताे मनपा प्रशासन के पास है। प्रदूषण मंडल के अधिकारी- कर्मचारी इन इलाके का कभी दौरा करते देखे नहीं गए। वांजरा और उप्पलवाड़ी क्षेत्र के निवासी इलाके में संचालित हो रहे कारखानों के बारे में नागरिक शिकायत करते हैं, तो संबंधित विभाग के अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि यह तो हमारे विभाग के अंतर्गत नहीं आता है। जानकारी के अनुसार कुछ वर्ष पहले इन इलाके में संचालित हो रहे कारखाने को निवासी इलाके से बाहर भेजने की तैयारी की गई थी, लेकिन मामला रुक गया। संबंधित विभाग या प्रदूषण मंडल के अधिकारियों के पास इतनी फुर्सत नहीं है कि इन इलाकों का सर्वेक्षण कर कारखाना संचालकों से पूछताछ करें कि वह बिना चिमनी के कैसे कारखाने संचालित कर रहे हैं।
राजस्व का नुकसान
वांजरा और उप्पलवाड़ी के निवासी इलाके में संचालित हो रहे कारखानों के कारण राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। कई कारखाना संचालक न तो सेल टैक्स देते हैं, और न ही प्रशासनिक अधिकारियों को माल खरीदी-बिक्री की जानकारी देते हैं। इससे राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। कई कारखानों के अंदर मजदूर बिना किसी सेफ्टी बेल्ट के काम कर रहे हैं। इससे किसी दिन इन कारखानों के अंदर बड़ा हादसा हो सकता है। क्षेत्र के नागरिकों का सवाल है कि क्या प्रशासनिक अधिकारी निवासी इलाके के प्लॉटों में चल रहे कारखानों के अंदर हादसा होने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की नींद खुलेगी।
Created On :   19 Sept 2023 5:07 PM IST