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हाईकोर्ट: जवाब न देना पड़ गया महंगा - नगर विकास और नासुप्र पर 10 हजार का जुर्माना
- हाई कोर्ट ने तीन बार शपथ-पत्र दायर करने के दिए थे आदेश
- क्रेजी कैसल के लिए लीज पर दी जगह का मामला
- 21 फरवरी को होगी मामले में अगली सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नागपुर. बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में क्रेजी कैसल के लिए लीज पर दिए गए जगह से जुड़े मामले की जनहित याचिका प्रलंबित है। इस मामले में कोर्ट ने नगर विकास विभाग और नागपुर सुधार प्रन्यास को बार-बार शपथ-पत्र दायर करने के आदेश दिए थे, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी जवाब न देना इन दोनों विभागों को महंगा पड़ा। कोर्ट ने नगर विकास विभाग और नासुप्र को 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
नागपुर खंडपीठ में संदीप अग्रवाल ने जनहित याचिका दायर की है। नासुप्र ने क्रेजी कैसल परियोजना के लिए अंबाझरी तलाब क्षेत्र में कुछ जमीन निजी संस्था को लीज पर दी थी। लेकिन, मेट्रो परियोजना आने की वहज से महामेट्रो रेल कॉर्पोरेशन इस जगह का अधिग्रहण करना चाहता था। इसके लिए नासुप्र ने निजी संस्था के साथ 16 वर्ष का करार समय से पहले ही खत्म कर दिया। इसके बदले में निजी संस्था को मुआवजे के तौर पर 19 करोड़ 20 लाख 40 हजार 946 रुपये का भुगतान किया गया। इस फैसले को जनहित याचिका के जरिए चुनौती दी गई है।
बताया जा रहा है कि यह फैसला एक उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। हालांकि, याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि विभागीय आयुक्त से मिली जानकारी के अनुसार इस संबंध में कोई भी रिपोर्ट मौजूद नहीं है। इस मामले कोर्ट ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए थे। इसके बाद 30 नवंबर 2022, 18 जनवरी 2023 और 14 जून 2023 की तीन सुनवाई में शहर विकास विभाग और नासुप्र ने अपना जवाब दायर नहीं किया।
मामले पर न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में जवाब दायर करने में हो रहे विलंब को लेकर कोर्ट ने नाराजी जताते हुई दोनों विभागों को जमकर फटकार लगाई। साथ ही कोर्ट ने नगर विकास विभाग और नासुप्र को 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह जुर्माने के राशि अगली सुनवाई से पहले कोर्ट की लाइब्रेरी में जमा करनी है। कोर्ट ने इस मामले में विभागीय अायुक्त को भी शपथ-पत्र दायर करने के आदेश दिए हैं। अब इस मामले में 21 फरवरी को अगली सुनवाई रखी गई है।
Created On :   19 Feb 2024 2:07 PM IST