अविवाहित पुत्री की जिम्मेदारी पिता की, बढ़ाई मेंटेनेंस की रकम

अविवाहित पुत्री की जिम्मेदारी पिता की, बढ़ाई मेंटेनेंस की रकम
  • हाई कोर्ट का फैसला
  • बढ़ाई मेंटेनेंस की रकम

डिजिटल डेस्क, नागपुर. पति-पत्नी में तलाक के बाद नाबालिग बेटी और पत्नी मेंटेनेंस की हकदार है ही, लेकिन अगर अगले कुछ वर्षों में बेटी बालिग हो भी जाती है, तो उसका विवाह होने तक उसके मेंटेनेंस की जिम्मेदारी पिता की होगी। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालिया फैसले में यह स्पष्ट किया है। इस निरीक्षण के साथ हाई कोर्ट ने एक 22 वर्षीय युवती को अपने पिता से प्रतिमाह 7 हजार रुपए मेंटेनेंस का हकदार माना है।

यह है मामला : उक्त दंपति का विवाह 24 जनवरी 1990 में संपन्न हुआ था। विवाह से उन्हें 2 बेटियां और एक बेटा भी है। विवाह के कुछ वर्षों बाद से दंपति में विवाद बढ़ने लगे और अंतत: उनका तलाक हो गया। छोटी बेटी मां के साथ पिता से अलग रहने लगी। तलाक के बाद पत्नी का मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होने लगा। वर्ष 2008 में पत्नी की मां ने बेटी और नातिन की ओर से पारिवारिक न्यायालय में बेटी और नातिन के लिए मेंटेनेंस की अर्जी दायर की। मामले में दोनों पक्षों ने मध्यस्थी के जरिए फैसला किया और यह तय हुआ कि पति अपनी तलाकशुदा पत्नी और किशोर बेटी को 2 हजार रुपए प्रतिमाह मेंटेनेंस अदा करेगा, साथ ही बकाया मेंटेनेंस के 1.40 लाख रुपए भी देगा।

पति ने दूसरा विवाह कर लिया : समय बीतता गया। पति ने दूसरा विवाह कर लिया, वहीं पहली पत्नी के साथ रहने वाली बेटी भी बड़ी हो गई। उसने पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्रवेश भी ले लिया। ऐसे में उन्होंने मेंटेनेंस राशि बढ़ाने के लिए दोबारा पारिवारिक न्यायालय की शरण ली। दलील दी कि पिता एक निजी कॉलेज में लेक्चरर हैं और उनकी दूसरी पत्नी भी नौकरी पर है। इधर, पहली पत्नी का मानसिक स्वास्थ्य खराब है, वहीं कॉलेज जा रही बेटी का खर्च भी बढ़ चुका है। इसलिए कोर्ट से मेंटेनेंस बढ़ाने की विनती की गई। पति ने मेंटेनेंस बढ़ाने का विरोध किया। दलील दी कि बेटी अगर कॉलेज जा रही है तो छात्रवृत्ति की रकम से उसका खर्च निकाला जा सकता है। वहीं वर्तमान में पति पर जो जिम्मेदारियां हैं, उसका खर्च भी इतना है कि वह मेंटेनेंस की राशि नहीं बढ़ा सकता। लेकिन पारिवारिक न्यायालय ने पत्नी और बेटी को 2 हजार रुपए प्रतिमाह से बढ़ा कर 7-7 हजार रुपए प्रतिमाह मेंटेनेंस देने का आदेश पिता को दिया, जिसके खिलाफ पिता ने हाई कोर्ट की शरण ली थी।

Created On :   24 July 2023 7:06 PM IST

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