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भारी जल-जमाव - रेन वाटर हार्वेस्टिंग जनता के लिए मनपा खुद बहा रही है सड़क पर पानी
- गैर-जिम्मेदाराना ढंग से बरसाती पानी परिसर में छोड़ा
- कहा है रेन वाटर हार्वेस्टिंग
- मनपा खुद बहा रही है सड़क पर पानी
डिजिटल डेस्क, नागपुर. पिछले 1 दशक में डामरीकरण और सीमेंटीकरण के चलते शहर के भूगर्भ स्तर में खासी कमी आई है। ऐसे में केन्द्र और राज्य सरकार के निर्देश पर महानगरपालिका प्रशासन ने आपली वसुंधरा अभियान आरंभ किया है। इस अभियान में मनपा की जोन कार्यालयों और स्कूलों की इमारतों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सुविधा तैयार की जा रही है। इतना ही नहीं, नागरिकों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग करने पर संपत्ति कर में रियायत देने की भी घोषणा की गई, लेकिन मनपा की नई प्रशासकीय इमारत में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग के बुरे हाल नजर आ रहे हैं। पिछले 15 दिन में बरसात के जमा पानी को सोमवार को अचानक सड़कों पर छोड़ दिया गया। 9 माले की इमारत में जमा पानी के अचानक छोड़ने से पूरा इलाके में पानी फैल गया। इस मामले में आला अधिकारियों की ओर से अलग-अलग तर्क दिए जा रहे हैं।
40 स्थान किए गए हैं चिह्नित
जिले के नरखेड़ और काटोल क्षेत्र में भूगर्भ स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। दोनों तहसीलों में उपाय योजना को प्रस्तावित कर अटल भूजल योजना में शामिल भी किया गया है। वहीं दूसरी ओर शहर में मनपा ने हरित वसुंधरा अभियान में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अभियान आरंभ किया है। मनपा के जलप्रदाय विभाग ने लंदन स्ट्रीट समेत जोन कार्यालयों, स्कूलों और उद्यानों में 67.46 लाख रुपए से 40 स्थानों को चयन कर ठेका एजेंसी को जिम्मेदारी दी है, मनपा की ही मुख्यालय की नई इमारत में बरसाती जमा पानी को सड़क पर छोड़ा जा रहा है।
दावे का मूल्यांकन हुआ ही नहीं
जलप्रदाय विभाग का तर्क है कि पाइपलाइन की सफाई के लिहाज से पानी को छोड़ा जा रहा है, जबकि लोककर्म विभाग के अधिकारी पाइपलाइन में चेाकिंग के चलते जलजमाव को ठीक करने का दावा कर रहे हैं। हैरानी यह है कि साल 2019 में करीब 8 लाख रुपए की लागत से नई इमारत में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जा चुकी है। इस सिस्टम में प्रतिवर्ष बरसात में करीब 4 लाख लीटर को जमीन के भीतर छोड़ने का दावा भी होता रहा है, लेकिन इस व्यवस्था की हालात को लेकर कोई भी सर्वेक्षण अथवा मूल्यांकन तक नहीं हुआ है।
पाइपलाइन की सफाई से निकला पानी
सुनील उईके, कार्यकारी अभियंता, लोककर्म विभाग, मनपा के मुताबिक महानगरपालिका की इमारत के सभी हिस्सों में पाइपलाइन और जलनिकासी व्यवस्था की दुरूस्ती की जा रही है। ऐसे में एक हिस्से के पाइप में पानी के थमे होने का पता चला। इस पानी को बाहर निकालने के लिए छोड़ा गया है। जमा पानी के हटने के बाद नए सिरे से पाइप की दुरूस्ती करने का प्रयास हो रहा है।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सफाई की संभावना
सुनील उईके, कार्यकारी अभियंता, लोककर्म विभाग, मनपा के मुताबिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग में पाइपलाइन की सफाई की पहले मर्तबा आवश्यकता होती है, ताकि जमा गंदगी और धूल को बाहर किया जा सके। इसके बाद बरसाती पानी को स्वच्छ रूप में जमीन के अंदर छोड़ा जाता है। ऐसे में संभावना है कि सफाई के लिए जमा पानी को छोड़ा गया हो।
इन स्थानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग होने का दावा
{लक्ष्मीनगर जोन कार्यालय
{मनपा समाज मंदिर, खामला
{मनपा स्कूल, सोमलवाड़ा
{चंद्रनगर उद्यान
{रामटेके नगर लाइब्रेरी, जयभीमनगर
{ओसीडब्ल्यू वाटर टैंक, चंद्रभागानगर
{ओसीडब्ल्यू वाटर टैंक, हुड़केश्वर
{सेवादल नगर मंदिर
{कल्याणेश्वर मंदिर, हनुमाननगर
{विठ्ठलनगर वाटर टैंक
{अमरनगर चिखलीचा राजा मंदिर
{जानकीनगर मनपा स्कूल
{भारतमाता नगर
Created On :   11 July 2023 7:57 PM IST