हाई कोर्ट ने सीईटी सेल को फटकारा - सिस्टम अपडेट के चक्कर में छात्र का साल बर्बाद

हाई कोर्ट ने सीईटी सेल को फटकारा - सिस्टम अपडेट के चक्कर में छात्र का साल बर्बाद
  • बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में एक प्रकरण
  • सिस्टम अपडेट के चक्कर में छात्र का साल बर्बाद
  • हाई कोर्ट ने सीईटी सेल को फटकारा

डिजिटल डेस्क, नागपुर. सरकारी तंत्र की खामियां कैसे आम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करती हैं, इसका एक उदाहरण हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में आए एक प्रकरण में देखने को मिला। वर्ष 2022-23 में बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर में प्रवेश के इच्छुक एक छात्र को सीईटी सेल ने गलत आवंटन पत्र जारी कर दिया। इसमें प्रवेश लेने की तारीखें गलत लिखी गई थीं, इसलिए छात्र को कहीं प्रवेश नहीं मिला। छात्र ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, तो सीईटी सेल ने "सिस्टम अपडेट' के कारण तारीख में गलती होने का बहाना बनाया। सीईटी सेल के इस रवैये पर हाई कोर्ट ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई। कहा कि कट-कॉपी-पेस्ट की इस प्रथा के चलते एक छात्र का साल बर्बाद हुआ है। सीईटी सेल को अपनी कार्य प्रणाली सुधारने की जरूरत है।

बगैर सीईटी प्रवेश दें

अब इस मामले में राज्य सीईटी सेल ने हाई कोर्ट में बड़ा अजीबो-गरीब उत्तर पेश किया। उन्होंने तर्क दिया कि जब छात्र आवंटन पत्र सीईटी सेल की वेबसाइट से डाउनलोड कर रहा था, तब सीईटी सेल के सर्वर का सिस्टम अपडेट हो रहा था। छात्र ने आवंटन पत्र डाउनलोड किया, उसके बाद तारीखों में परिवर्तन हुआ। इधर शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है। दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा भी हो चुकी है। ऐसे में हाई कोर्ट ने माना कि अब छात्र को वर्ष 2022-23 के शैक्षणिक सत्र में प्रवेश देने का कोई अर्थ नहीं है। उसे आगामी शैक्षणिक सत्र में बगैर किसी सीईटी परीक्षा के प्रवेश दिए जाएं।

यह है मामला : वाशिम निवासी याचिकाकर्ता छात्र ने बी.आर्क में प्रवेश के उद्देश्य से वर्ष 2022-23 सत्र की एमएचसीईटी परीक्षा दी। 31 अगस्त 2022 को आए नतीजे में वह परीक्षा में उत्तीर्ण हुआ। उसे नागपुर के हिंगना स्थित एक नामी महाविद्यालय में सीट आवंटित हुई। छात्र को 10 से 12 नंवबर के बीच कॉलेज में प्रवेश निश्चित करना था, लेकिन सीईटी सेल की वेबसाइट से छात्र को जारी हुए आवंटन पत्र में उसे 2 से 12 दिसंबर के बीच कॉलेज में प्रवेश लेने का उल्लेख था। प्रवेश प्रक्रिया की तारीख में गलती होने के कारण उक्त कॉलेज ने छात्र को प्रवेश नहीं दिया। सीईटी सेल को ई-मेल से गलती के बारे में सूचित करने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला, जिसके बाद छात्र ने हाई कोर्ट की शरण ली।

Created On :   25 May 2023 2:06 PM GMT

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