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Nagpur News: पीड़ित महिलाओं को मिला बच्चों का प्यार और स्त्रीधन, आत्मनिर्भरता पर मार्गदर्शन

- मनपा के महिला समुपदेशन केंद्र का सराहनीय कार्य
- 1286 महिलाएं मुख्यधारा में लौटीं
Nagpur News शहर में विभिन्न प्रकार के संकट झेल रहीं सैकड़ों महिलाओं को राहत मिली है। इनके लिए मनपा का महिला समुपदेशन केंद्र मजबूत सहारा बनकर उभरा है। इस पहल के अंतर्गत उन महिलाओं की मदद की गई जो घरेलू हिंसा, भावनात्मक उत्पीड़न, तलाक, कस्टडी विवाद, सामाजिक उपेक्षा, कुमारी मातृत्व और अन्य गंभीर परिस्थितियों का सामना कर रही थीं। मनपा के महिला समुपदेशन केंद्र द्वारा इन महिलाओं को न सिर्फ कानूनी और मानसिक सहायता दी गई, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में भी मार्गदर्शन प्रदान किया गया। वर्ष 2024 से अब तक इस केंद्र के माध्यम से कुल 1286 महिलाओं को समुपदेशन प्रदान कर पुनः मुख्यधारा से जोड़ा गया है।
डोमेस्टिक वायलेंस : महिला समुपदेशन केंद्र के तहत 151 ऐसी महिलाएं सामने आईं, जो वर्षों से घरेलू हिंसा की शिकार थीं। इनमें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रताड़ित महिलाएं शामिल थीं। इन सभी को समुपदेशन के माध्यम से अपनी बात कहने का मंच दिया गया और उनके आत्मविश्वास को पुनः जाग्रत किया गया।
47 मामलों में कानूनी कार्रवाई : इस वर्ष के आंकड़ों में यह उल्लेखनीय है कि 47 महिलाओं ने समुपदेशन के बाद कानूनन कार्रवाई करने की इच्छा जताई। उसके बाद उनके मामलों में पुलिस और कानूनी संस्थाओं के सहयोग से उचित कार्रवाई की गई। इनमें कई मामले ऐसे थे, जहां महिलाएं वर्षों से हिंसा और शोषण का शिकार हो रही थीं, लेकिन उन्हें उचित मार्गदर्शन और हिम्मत नहीं मिल रही थी। समुपदेशन के माध्यम से उन्हें कानूनी विकल्पों की जानकारी दी गई और पूरी प्रक्रिया में साथ निभाया गया।
बच्चों की कस्टडी : कुछ मामलों में पीड़ित महिलाओं की आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी थी। ऐसे में जब उनके गहने ससुराल पक्ष द्वारा छीन लिए गए, तब समुपदेशन और प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद 4 महिलाओं को उनके गहने वापस दिलवाए गए। 3 ऐसी महिलाएं भी थीं, जिन्हें उनके बच्चों से दूर कर दिया गया था। केंद्र के प्रयासों से उन्हें फिर से उनके बच्चों से मिलवाया गया, जो कि इन महिलाओं के लिए भावनात्मक रूप से अत्यंत मूल्यवान था।
पुनर्वास की व्यवस्था : मनपा के महिला समुपदेशन केंद्र द्वारा संकट में फंसी महिलाओं को टेम्पररी शेल्टर की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। कई बार इन महिलाओं को मनपा के शेल्टर होम में या ‘स्वाधार गृह’ और ‘वन स्टॉप सेंटर’ जैसे पुनर्वास स्थलों पर ठहराया जाता है, जिससे वह अस्थायी रूप से सुरक्षित वातावरण में रह सकें। इसके अलावा, पुलिस थानों, आधारगृहों और सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से भी कई महिलाएं समुपदेशन केंद्र तक पहुंचती हैं। कई मामलों में न्यायालयों द्वारा भी संकटग्रस्त महिलाओं को सीधे समुपदेशन केंद्र या शेल्टर होम भेजा जा रहा है। यह एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है। इससे यह साबित होता है कि न्यायिक व्यवस्था अब महिलाओं के पुनर्वास को भी उतनी ही प्राथमिकता दे रही हैं, जितनी कि न्याय दिलाने को।
विश्वास का केंद्र बना : उल्लेखनीय है कि नागपुर महानगर पालिका द्वारा संचालित यह समुपदेशन केंद्र अब सिर्फ एक केंद्र न रहकर, पीड़ित महिलाओं के लिए एक विश्वास और पुनः जीवन की शुरुआत का स्थान बन गया है। यह सामाजिक बदलाव की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।
Created On :   5 July 2025 1:39 PM IST