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सभापति बौखलाईं - मुझे बिना बताए मेरे गांव के स्कूल से शिक्षक को हटाने की हिम्मत कैसे हुई
- सभापति ने बनाया प्रतिष्ठा का मुद्दा
- प्रभारी शिक्षण विस्तार अधिकारी को हटाया
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिप स्कूलाें में शिक्षकों की कमी है। उसकी भरपाई करने जिप सीईओ ने 15 से कम विद्यार्थी संख्या के स्कूल में कार्यरत दाे शिक्षकों में से एक का जिस स्कूल में शिक्षक नहीं हैं, वहां अस्थायी समायोजन करने के निर्देश दिए थे। सीईओ के आदेश का पालन करते हुए नागपुर पंचायत समिति के 14 शिक्षकों की अन्य स्कूलों में समायोजन की सूची बनाई गई। उसमें सभापति के गांव के शिक्षक का नाम शामिल था। सभापति को यह बात पता चलने पर वह बौखला गईं। शिक्षण विस्तार अधिकारी से फोन पर संपर्क कर उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाईं। ‘मुझे बिना बताए मेरे गांव के स्कूल से शिक्षक को हटाने की हिम्मत कैसे हुई’, यह कहते हुए अनाप-शनाप कहने लगीं। गट शिक्षणाधिकारी से भी गाली-गलौज की गई। प्रभारी शिक्षण विस्तार अधिकारी और सभापति के बीच हुए संवाद की ऑडियो क्लिप वायरल हाेने से शिक्षा विभाग में खलबली मच गई है।
सभापति ने बनाया प्रतिष्ठा का मुद्दा
पंचायत समिति सभापति रुपाली मनोहर गोधनी निवासी हैं। वहां जिला परिषद स्कूल के 6वीं और 7वीं कक्षा में कुल 8 विद्यार्थी हैं। दो शिक्षक कार्यरत थे, उनमें से एक शिक्षक का अन्य स्कूल में स्थानांतरण किया गया। सभापति को यह बात नागवार गुजरी। उनसे बिना पूछे गांव के स्कूल से स्थानांतरण करने पर उसे प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाया। प्रभारी शिक्षण विस्तार अधिकारी को फोन लगाया। उन्हें बिना पूछे उनके गांव के स्कूल से शिक्षक का अन्य स्कूल में समायोजन कैसे किया, यह कहते हुए खूब खरी-खोटी सुनाई। सूची से शिक्षक का नाम नहीं हटाने पर देख लेने का धमकी दी। विस्तार अधिकारी ने जवाब दिया कि नाम हटाना मेरे बस में नहीं है। वरिष्ठाें के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सूची बनाई और गट शिक्षणाधिकारी को सौंप दी है। यह जवाब सुनकर सभापति बौखला गईं। फोन पर ही गट शिक्षणाधिकारी को गाली-गलौज करने लगीं। किसी भी कीमत पर उस शिक्षक का समायोजन रद्द करने की धमकी दे डाली।
प्रभारी शिक्षण विस्तार अधिकारी को हटाया
शिक्षक का दूसरे स्कूल में समायोजन के बाद सभापति ने प्रभारी शिक्षण विस्तार अधिकारी का प्रभार हटा दिया। पंचायत समिति की मासिक सभा के मिनिट्स में संबंधित प्रभारी शिक्षण विस्तार अधिकारी को हटाकर उसकी जगह दूसरे केंद्र मुख्याध्यापक की नियुक्ति की गई, जिसे शिक्षण विस्तार अधिकारी पद से हटाया गया। उनका आरोप है कि पंचायत समिति की जिस मासिक सभा के मिनिट्स में यह निर्णय लिए जाने का उल्लेख किया है, उस सभा में इस विषय पर चर्चा नहीं हुई। मैं स्वयं शिक्षण विस्तार अधिकारी की जिम्मेदारी संभालने के लिए इच्छुक नहीं था। गटशिक्षणाधिकारी को पत्र देकर मेरा प्रभार निकालने का पत्र दिया था। दु:ख इस बात का है कि पंस की सभा में निर्णय का हवाला देकर शिक्षक दिवस पर मुझे प्रभारी विस्तार अधिकारी पद से हटाया गया।
आरोप बेबुनियाद है
रुपाली मनाेहर, सभापति, पंचायत समिति नागपुर के मुताबिक सीईओ के निर्देश पर 20 से कम विद्यार्थी संख्या के स्कूल में कार्यरत दो शिक्षकों में से एक शिक्षक का दूसरे स्कूल में समायोजन किया गया। इस प्रक्रिया में जनप्रतिनिधि को विश्वास में नहीं लिया। शिक्षकों की उम्र तथा उनके स्वास्थ्य का खयाल नहीं रखा गया। शिक्षा विभाग की मनमानी से शिक्षकों में नाराजगी है। गटशिक्षणाधिकारी को पत्र देकर शिक्षकों की भावना से अवगत किया था। उसी बात को लेकर शिक्षण विस्तार अधिकारी से फोन पर चर्चा हुई। उनके साथ कोई भी अनाप-शनाप या असभ्य भाषा में वार्तालाप नहीं हुआ। जो आरोप लगाए गए, वह बेबुनियाद हैं।
Created On :   10 Sept 2023 6:25 PM IST