निकाला तत्काल हल - मेयो में स्वच्छता की होगी निगरानी, लगेगी बायोमीट्रिक मशीनें

निकाला तत्काल हल - मेयो में स्वच्छता की होगी निगरानी, लगेगी बायोमीट्रिक मशीनें
मेयो में स्वच्छता की होगी निगरानी

डिजिटल डेस्क, नागपुर. इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेयो) अस्पताल के स्वच्छता की निगरानी होगी। यहां जल्द ही बायोमीट्रिक मशीनें लगाई जाने वाली है। दरअसल स्वच्छता निरीक्षकों के आंतरिक तबादले जुलाई महीने में हो चुके हैं। लेकिन यहां हुए आंतरिक तबादलों का स्वच्छता निरीक्षकों पर असर नहीं हुआ है। बरसों से जो जिस कुर्सी से चिपका था, अब भी वहीं पर चिपका है। जबकि आंतरिक तबादले के बादजूद यहां जगह छोड़ने को लेकर तनातनी का माहौल बना है। इस बात की जानकारी मेयो प्रशासन को है। इसलिए अब यहां जल्द ही बायोमीट्रिक मशीनें लगाई जानेवाली है। इससे हरेेक की हाजिरी व काम के समय का ब्योरा मिलेगा।

तबादले के बाद भी नहीं छोड़ा कार्यालय : सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मेयो में इसी साल जुलाई महीने में अस्पताल प्रशासन द्वारा स्वच्छता निरीक्षकों के आंतरिक तबादले किए गए हैं। तबादले के बावजूद स्वच्छता निरीक्षक अपने पुरान कार्यालय व कुर्सियां नहीं छोड़ रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि यहां चार स्वच्छता निरीक्षक हैं। इनमें भूषण डहाके, मृणालिश मेंढे, रोशन चव्हाण, निशा भाटी का समावेश है। बताया गया कि बरसों से स्वच्छता निरीक्षक मृणालिश मेंढे के पास अस्पताल परिसर की सफाई की जिम्मेदारी थी। आंतरिक तबादले के बाद उसे महाविद्यालय परिसर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए होस्टल परिसर में अलग से बैठने की व्यवस्था है। लेकिन मेंढे ने अपना पुराना कार्यालय व कुर्सी नहीं छोड़ी है। वहीं पहले महाविद्यालय परिसर की जिम्मेदारी संभालने वाले भूषण डहाके व रोशन चव्हाण को अस्पताल परिसर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह लोग भी अपने कार्यालय नहीं छोड़ रहे हैं। इसके अलावा चौथी स्वच्छता निरीक्षक निशा भाटी हैं। निशा भाटी को महाविद्यालय परिसर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सूत्रों ने बताया कि यह निरीक्षक महाविद्यालय परिसर के कार्यालय में न बैठकर अस्पताल परिसर के कार्यालय में बैठती हैं।

जानकारी होने के बावजूद मौन अधिकारी

सूत्रों ने बताया कि मेयो में आंतरिक तबादले के बाद कोई खुश ताे कोई नाराज है। दो स्वच्छता निरीक्षक अपने स्थान छोड़कर नए तबादले वाले कार्यालय में जाना चाहते हैं। लेकिन बताया जाता है कि कुछ निरीक्षकों की तूती बोलती है। उनके दहशत में कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं है। यहां जरा भी मुंह खुला तो माहौल गर्मा जाता है। विवाद होने में समय नहीं लगता। इस बात की जानकारी मेयो प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को भी है। यहां तक कि अधिष्ठाता को भी सारी गतिविधियों की जानकारी मिलती हैै। बावजूद कोई कुछ कहने को तैयार नहीं।

जानकारी मिली है, हल निकाला जाएगा

डॉ. संजय बिजवे, अधिष्ठाता, मेयो अस्पताल के मुताबिक मेयो में स्वच्छता निरीक्षकों के आंतरिक तबादले किए गए हैं। इसके बावजूद वे अपने अपने कार्यालयों में नहीं गए हैं। इसकी जानकारी मुझे मिली है। किसी भी व्यवस्था को तुरंत बदलना आसान काम नहीं है। इसलिए उनसे बातचीत कर समस्या का हल निकाला जाएगा। इसके अलावा यहां बायोमीट्रिक मशीनें लगाकर काम की समय सारिणी का ब्योरा रखा जाएगा।


Created On :   8 Sept 2023 6:06 PM IST

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