विदेशी स्कॉलरशिप के लिए विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाएं

विदेशी स्कॉलरशिप के लिए विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाएं
  • सिर्फ आर्थिक परिस्थिति अच्छी नहीं
  • विदेशी स्कॉलरशिप के लिए विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाएं

डिजिटल डेस्क, नागपुर. महाराष्ट्र शासन द्वारा राज्य के अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को देश से बाहर में पढ़ाई करने के लिए प्रत्येक वर्ष छत्रपति शाहू महाराज विदेशी शिष्यवृत्ति दी जाती है। उक्त शिष्यवृत्ति संपूर्ण महाराष्ट्र में हर साल सिर्फ 75 विद्यार्थियों को मिलती है। 13 करोड़ जनसंख्या वाले महाराष्ट्र राज्य में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 12 प्रतिशत यानी 1.5 करोड़ है। इस अनुसार उक्त शिष्यवृत्ति के लिए विद्यार्थी संख्या काफी कम है। यह संख्या बढ़ाने की मांग को लेकर वंचित बहुजन आघाडी के शहर अध्यक्ष रवि शेंडे व समता सैनिक दल के अनिकेत कुत्तरमारे के नेतृत्व में संविधान चौक पर आंदोलन किया गया।

सिर्फ आर्थिक परिस्थिति अच्छी नहीं

रवि शेंडे व अनिकेत कुत्तरमारे ने कहा कि अनुसूचित जाति में अनेक गुणवंत व मेधावी विद्यार्थी विदेश में उच्च शिक्षा के लिए जाने इच्छुक हैं। विदेशी शिक्षा के लिए आवश्यक आईईएलटीएस, जीआरई, जीएमएटी, टीओईएफएल, पीटीई आदि जैसे उच्च गुणवत्ता की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर दुनिया भर में उच्च श्रेणी के विद्यापीठ में प्रवेश की शर्त पूरी करते हैं, लेकिन सिर्फ आर्थिक परिस्थिति अच्छी नहीं होने के कारण अनुसूचित जाति के विद्यार्थी विदेश में उच्च शिक्षा से वंचित रहते हैं। उक्त शिष्यवृत्ति के लिए उपलब्ध जगह की सीमित संख्या के कारण इस शिष्यवृत्ति का लाभ अत्यंत कम विद्यार्थियों को मिलता है। इस परिस्थिति के कारण बड़ी संख्या में पात्र विद्यार्थियों को प्रतिष्ठित विद्यापीठ में प्रवेश नहीं मिल पाता है। इसके लिए अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए महाराष्ट्र राज्य छत्रपति शाहू महाराज विदेशी शिष्यवृत्ति अंतर्गत जगह की संख्या बढ़ाकर 300 करने की मांग संगठनों ने की है।



Created On :   6 Aug 2023 5:59 PM IST

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