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जंगल में घुसपैठिए सक्रिय - वन विभाग को 70 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान सहना पड़ा
- सागौन की अवैध कटाई
- 7 साल में 10 हजार से ज्यादा पेड़ काटे
डिजिटल डेस्क, नागपुर. नागपुर प्रादेशिक में गत 7 साल में 10 हजार 4 सौ 21 सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई के मामले दर्ज हैं, जिसके कारण वन विभाग को 70 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान सहना पड़ा है। हालांकि कार्रवाई के बाद इसमें आधे से ज्यादा सागौन को जब्त कर लिया गया। आरोपियों को भी जेल में डाला गया है। वन विभाग में दो तरह के जंगल होते हैं-प्रादेशिक व वाइल्ड लाइफ। वाइल्ड लाइफ में वन्यजीवों की मौजूदगी होती है। वहां सामान्य लोगों को जाने की अनुमति नहीं रहती, जबकि प्रादेशिक जंगल में वन्यजीवों की कम ही मौजूदगी रहती है लेकिन बांस, सागौन जैसे पेड़ों की भरमार होती है। विभाग इसका जतना करता है, लेकिन जंगलों में घुसपैठ करने वाले अवैध तरीके से इन्हें काटकर बाजार में बेचते हैं।
अवैध कटाई की स्थिति
2017-18 में सबसे ज्यादा पेड़ों की अवैध कटाई हुई, कुल 2 हजार 8 सौ 26 पेड़ काटे गए हैं।
2018-19 में संख्या कुछ कम हुई थी, विभाग ने राहत की सांस ली, कुल 2300 पेड़ काटे गए।
2019-20 में 1543 पेड़ों की कटाई हुई है, अपेक्षाकृत कम संख्या होने से विभाग को राहत मिली।
2020-21 में 829 पेड़ काटे गए, लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि तब कोरोनाकाल का दौर था।
2021-22 में 1024, वर्ष 2022-23 में 1200, जिसमें इस साल अब तक 6 सौ से ज्यादा पेड़ों की कटाई हुई है।
सुरक्षा रक्षकों की भारी कमी : नागपुर प्रादेशिक में दक्षिण उमरेड, उत्तर उमरेड़, नरखेड, कोंढाडी, काटोल, हिंगना, देवलापार, पारशिवनी, रामटेक, पवनी, कलमेश्वर, सेमिनरी हिल्स, बुटीबोरी, खापा वन क्षेत्र आते हैं। यहां बड़े पैमाने पर सागौन व बांस के पेड़ लगे हैं। सुरक्षा रक्षकों की कमी के कारण इनकी अवैध कटाई होती है।
50 लाख से ज्यादा का सागौन जब्त : वन विभाग को करीब 70 लाख का नुकसान सहना पड़ा है, लेकिन अधिकृत आंकड़ों के अनुसार 50 लाख से ज्यादा का सागौन विभाग ने जब्त भी कर लिया है। वहीं 50 से ज्यादा आरोपियों को जेल भी भेजा गया है।
Created On :   14 Aug 2023 7:01 PM IST