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जूता मारो आंदोलन: महाआघाडी ने दिखाई अपनी ताकत, ठाकरे की ललकार - देश के गद्दारो गेट आउट
- गेटवे ऑफ इंडिया पर दहाड़े उद्धव ठाकरे
- जूता मारो आंदोलन के जरिए महाआघाडी ने दिखाई ताकत
- पवार, ठाकरे और पटोले हुए शामिल
डिजिटल डेस्क, मुंबई. सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के बाद रविवार को राज्य भर में महाविकास आघाडी के नेताओं ने जूता मारो आंदोलन किया। हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक निकाले गए मार्च में महाआघाडी के तीनों दलों के प्रमुख नेता राकांपा (शरद) अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और सांसद छत्रपति शाहूजी महाराज शामिल हुए। गेटवे ऑफ इंडिया पर पहुंचने पर ठाकरे ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि राज्य की महायुति की सरकार शिवद्रोही सरकार है। मैं कहता हूं कि देश के गद्दारों, गेट आउट ऑफ इंडिया। शरद पवार ने शिवाजी महाराज के पुतले के गिरने की घटना में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। इस आंदोलन के दौरान ठाकरे और कांग्रेस के नेताओं ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दोनों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं अजित पवार के बैनर पर जूते भी मारे। महाआघाडी के प्रदर्शन को देखते हुए सत्ता पक्ष के दलों ने भी विपक्ष के खिलाफ प्रदर्शन किया।
गेटवे ऑफ इंडिया पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद शरद पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे ने जो बयान दिया था कि महाराज की मूर्ति हवा के कारण गिर गई थी। लेकिन गेटवे ऑफ इंडिया के सामने लगी हुई यह प्रतिमा कई सालों से है। यहां तक कि राज्य की कई प्रतिमाएं आज भी मजबूती से खड़ी हुई हैं। राजकोट की प्रतिमा गिरने की घटना भ्रष्टाचार का एक बड़ा उदाहरण है। इससे शिवाजी महाराज की गरिमा का अपमान हुआ है।
उद्धव गुट प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि भले ही शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के बाद प्रधानमंत्री ने माफी मांग ली हो लेकिन माफी मांगते वक्त भी उनके चेहरे पर अहंकार झलक रहा था। ठाकरे ने कहा कि मोदी ने मूर्ति गिरने के लिए माफी मांगी है लेकिन अभी तक इस मूर्ति को बनाने में भ्रष्टाचार के लिए माफी नहीं मांगी। ठाकरे ने कहा कि शिवाजी महाराज का अपमान करने वालों को जनता माफ नहीं करेगी। गेटवे ऑफ इंडिया पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि जब तक ये देशद्रोही देश के प्रवेश द्वार (गेटवे ऑफ इंडिया) को देखकर बाहर नहीं निकल जाते, तब तक हमें चुप नहीं रहना है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि महायुति सरकार ने भ्रष्टाचार कर छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने का पाप किया है। महाराज की मूर्ति मालवण में ही नहीं गिरी बल्कि महाराष्ट्र धर्म को अपमानित किया गया है। शिवाजी महाराज हमारे भगवान हैं और ऐसे देवता का अपमान राज्य की सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव का समय होने के चलते प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने माफी मांगी है, लेकिन यह पाप अक्षम्य है।
महाआघाडी के प्रदर्शन के विरोध में राज्य भर में महायुति के नेताओं ने भी प्रदर्शन किया। मुंबई में कई जगहों पर युति के कार्यकर्ताओं ने आघाडी किए गए आंदोलन के खिलाफ प्रदर्शन किया। मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा कि अहंकार के बादशाह उद्धव ठाकरे ने अपनी छवि का आज उन्होंने खुद वर्णन किया है। शेलार ने कहा कि ठाकरे को अपने गिरेबान में झाँकने की जरूरत है।
एकनाथ शिंदे, मुख्यमंत्री ने कहा कि महाआघाडी के आंदोलन पर विपक्ष के लोग दंगा फैलाने की भाषा बोल रहे हैं। इन नेताओं ने लोकसभा चुनाव से पहले भी महाराष्ट्र में दंगा फैलाने की कोशिश की थी, लेकिन राज्य की जनता ने सूझबूझ का परिचय दिखाते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखी। विपक्ष के लोगों के पैरों के नीचे से मिट्टी निकल रही है और उन्हें अपनी हार दिखाई दे रही है। यही कारण है कि वह इस मामले को राजनीतिक तूल दे रहे हैं।
देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री ने कहा कि महाआघाडी आंदोलन पूरी तरह से राजनीतिक आंदोलन था। महाविकास आघाडी हो या फिर कांग्रेस दोनों ने शिवाजी महाराज का कभी सम्मान नहीं किया है। पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी ने लाल किले पर भाषण में कभी भी शिवाजी महाराज का एक बार भी उल्लेख नहीं किया। यहां तक कि मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवाजी महाराज की मूर्ति को बुलडोजर से हटा दिया था। मेरा सवाल है कि कांग्रेस इस पर माफी कब मांगेगी?
Created On :   1 Sept 2024 9:13 PM IST