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मोहर्रम पर निकला विशाल ताजियों के साथ मातमी जुलूस
- ताजियों के साथ मातमी जुलूस
- मोहर्रम पर निकले विशाल ताजिये
डिजिटल डेस्क, कामठी/कन्हान. हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत ईमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की कर्बला (ईराक) की धरती पर शहादत की याद में मनाए जाने वाले मोहर्रम का मुख्य जुलूस पारंपरिक तरीके से सैकड़ों ताजियों, कलमे मुबारक, जुलजेना के साथ मातमी दस्ते के साथ नौहा पढ़ते, मातम करते हैदरी इमामबाड़े से निकला। जूना पुलिस स्टेशन के सामने तकरीर करते हुए मौलाना सबीह अहसन काजमी ने कहा, कि इमाम हुसैन की शहादत और कर्बला में घटित घटना पर सिर्फ शिया समुदाय या मुस्लिम समुदाय ही शोक और मातम नहीं करता, बल्कि हर समाज के लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं, क्योंकि इमाम हुसैन और 72 साथियों ने सच और हक के लिए अपनी जानों का नजराना पेश कर बताया कि जब भी कोई जालिम सच, हक और इंसानियत को मिटाना चाहे तो संख्या या तादाद की चिंता न करें, जान भी देना पड़े तो जान कुर्बान कर दें। यौमे आशूरा मोहर्रम पर सुबह 8 बजे आमाले आशूरा हैदरी जामा मस्जिद में अदा किया गया। आमाले आशूरा के तुरंत बाद इमामबाड़े में मजलिस अजा हुई। मजलिस के तुरंत बाद जुलूसे मातम निकला। जुलूस के मेन रोड हैदरी चौक पर पहुंचने के साथ ही विभिन्न घरों में स्थापित ताजिये, अलमे मुबारक और हैदर हाजी मर्हूम के घर से जुलजेना निकलकर मुख्य जुलूस में शामिल हुए। जुलूस में विभिन्न संगठनों और निजी तौर पर कर्बला के शैदाई शरबत, खिचड़ी, शीतल जल आदि का वितरण किया। जुलूस मेन रोड होता हुआ दोपहर 3 बजे जूनी कामठी पुलिस स्टेशन चौक पहुंचा, जहां मौलाना शबीह अहसन काजमी द्वारा कर्बला की घटना पर आधारित तकरीर की गई। तकरीर के फौरन बाद तलवारों और जंजीरों का मातम हुआ। जुलूस मातम करता, नौहा पढ़ता भाजीमंडी होता हुआ कर्बला नदी (गाड़ेघाट) पहुंचा। रात 8 बजे वापस हैदरी मस्जिद परिसर पर समाप्त हुआ। फिर शामे गरीबां की मजलिस हुई। इसके साथ मोहर्रम का मुख्य कार्यक्रम समाप्त हुआ। इमाम हुसैन की शहादत को याद करते कामठी में मोहर्रम कार्यक्रम देखने दूर-दूर से लाेग आते हैं। मोहर्रम जुलूस में किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो पुलिस विभाग ने कड़ी मेहनत की और नप प्रशासन, कैन्टोनमेंट बोर्ड, सैनिक हेडक्वार्टर का भी सहयोग रहा।
निकला मातमी जुलूस
काटोल में भारतीय इरानी समाज और हुसैनी इमामबाड़ा कमेटी के संयुक्त तत्त्वावधान में चौबे ले-आउट, काटोल से भारतीय इरानी समाज अध्यक्ष जाना अली के नेतृत्व में हुसैनी इमामबाड़ा से मातमी जुलूस निकाला गया। शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए जुलूस गंतव्य तक पहुंचा। जहां लखनऊ के मौलाना अहसान मेहंदी ने इमाम हुसैन के शहीदो को याद किया। अनवर अली के शहीद गीत की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर भारतीय इरानी समाज के अध्यक्ष जाना अली, मिस्कीन अली, अनवर अली, नमाजी अली, यावर अली, सादिक अली, आशु अली, जाफर अली, फिरोज अली, मंजूर अली, सलमान अली, सबदल अली, हैदर अली, इरफान अली, सयफ अली, गुलाम अली, आशिक अली, समर अली, नवाब अली, सुल्तान अली, रयान अली, शराफत अली, गरीबू अली, शमीम अली, लाला अली, इमरान अली सहित बड़ी संख्या में समाजबंधु मौजूद थे।
ताजमेंहदी दरबार में मोहर्रम उत्सव
उधर ताजमेंहदी दरबार, महेंदी नगर, खापरी में शनिवार को मोहर्रम उत्सव डॉ. कमरुजमा सय्यद के नेतृत्व में मनाया गया। ताज मेहंदी बाबा की मजार पर शाह ईमाम अलकदीर ताज के साथ ताजियाें ने की मत्था टेका। वहीं शम्मा ताज, डॉ. कमरुजमा सय्यद, गुलाबसिंग चौहान, सरपंच बाबाराव ताकतोड़े, रियाज काजी, वासुदेव भट्ट, नजम्मूजमा सय्यद के हाथों शामिल सभी लोगों को खिचड़ी और शरबत का वितरण किया गया। इस अवसर पर बंडू कडूकर, नाजिम शेख, दियान सय्यद, ओम शंकर, फैजान सय्यद, पंढरी बोरीकर, जीवन वर्मा, नागेंद्र राव आदि उपस्थित थे।
शरबत का वितरण
बुटीबोरी में हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत ईमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की कर्बला (ईराक) की धरती पर शहादत की याद में मनाया जाने वाला मोहर्रम कारेकम ड्रिम कॉलोनी शरबत वितरण कर मनाया गया जिसमें रफीक शेख, मकसूद शेख अलताब शेख, विकास वारे, मिलिंद पंचाभाई, खलील शेख, सुरेश यादव, अशरफ शेख, आलिया शेख और गोलू शेख सामिल थे।
Created On :   30 July 2023 4:14 PM IST