5000 सिकलसेल ग्रस्त, 200 को मिला दिव्यांगता प्रमाण-पत्र

5000 सिकलसेल ग्रस्त, 200 को मिला दिव्यांगता प्रमाण-पत्र
प्रमाणपत्र बनाने घिसनी पड़ती है एड़ियां

चंद्रकांत चावरे, नागपुर । जिले में 5000 से अधिक सिकलसेल पीड़ित हैं। उन्हें दिव्यांग प्रमाण-पत्र देकर लाभ योजनाओं शामिल करने की घोषणा की गई थी। लेकिन दिव्यांगता प्रमाण-पत्र पाने के लिए जिस कागजी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता हैं, उसमें पेंच अधिक है। परिणामस्वरूप केवल 200 लोगों के लिए प्रमाण-पत्र बन सके हैं। इस प्रमाण-पत्र को यूडीआईडी पहचान-पत्र कहा जाता है। 4800 से अधिक पीड़ितों के प्रमाण-पत्र नहीं बनने से वे दिव्यांगों की लाभ योजनाओं के लिए अपात्र हो चुके हैं।

4800 को नहीं मिला प्रमाण-पत्र

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नागपुर विभाग अंतर्गत 6 जिलों में 2008 से 2021 तक सिकलसेल प्रभावितों की संख्या 1.35 लाख से अधिक थी। इसके बाद सर्वेक्षण नहीं हुआ है। पुराने आंकड़ों के आधार पर दो सालों में यह संख्या अनुमानित 20 हजार से बढ़कर 1.55 लाख हो चुकी है। नागपुर जिले में सिकलसेल ग्रस्तों की संख्या करीब 5000 होने का अनुमान है। इसमें से केवल 1200 मरीज रिकॉर्ड में दर्ज हैं।कुछ महीने पहले सिकलसेल पीड़ितों को दिव्यांगता प्रमाणपत्र देने के लिए शिविरों का आयोजन किया गया था, लेकिन केवल 200 लोगों को ही यह प्रमाण-पत्र मिल पाया है।
प्रमाण-पत्र के लिए 40 फीसदी दिव्यांगता जरूरी

दरअसल दिव्यांग योजनाओं का लाभ पाने के लिए 40 फीसदी से अधिक दिव्यांगता साबित होना जरूरी है। सिकलसेल ग्रस्तों में जांच के दौरान यह दिव्यांगता दिखायी नहीं देती। यह एक अदृश्य बीमारी है, जो दिखायी नहीं देती। इसलिए जांच के दौरान उन्हें दिव्यांग नहीं माना जाता। इसलिए उन्हें प्रमाण-पत्र नहीं दिया जाता। एेेसे में लाभ योजनाओं से वंचित रहते हैं। जिले में 4800 से अधिक पीड़ितों को यह प्रमाण-पत्र नहीं मिला है। कई चक्कर मारने के बाद ही कुछ लोगों को प्रमाण-पत्र मिल पाए हैं। डॉ. रमेश कटरे ने बताया कि गडचिरोली जिले में रिकार्ड पर 2700 सिकलसेल पीड़ित हैं। इनमें से केवल 50 फीसदी से भी कम को प्रमाण-पत्र मिले हैं। उनमें से अधिकतर पीड़ितों का दिव्यांगता प्रमाण 40 फीसदी से कम लिखे जाने से वे योजना के लाभार्थी नहीं बन पा रहे है। इसलिए सरकार ने सिकलसेल पीड़ितों के दर्द को समझते हुए उन्हें बीमारी के आधार पर ही प्रमाणपत्र देने की मांग की गई है।

Created On :   19 Jun 2023 8:08 PM IST

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