Nagpur News: डॉ. आंबेडकर अस्पताल में पीजी की नई 110 सीटें, 28 नए कोर्स - महत्वाकांक्षी योजना को मिली हरी झंडी

डॉ. आंबेडकर अस्पताल में पीजी की नई 110 सीटें, 28 नए कोर्स - महत्वाकांक्षी योजना को मिली हरी झंडी
  • उत्तर नागपुर की महत्वाकांक्षी योजना को मिली हरी झंडी
  • जरूरी पदों पर शीघ्र होगी भर्ती
  • सुपर स्पेशलिटी की सुविधा

Nagpur News. उत्तर नागपुर की महत्वाकांक्षी योजना डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र का जल्दी ही श्रेणीवर्धन होगा। शुक्रवार को सरकार ने इस बारे में अंतिम निर्णय लिया है। यहां 615 बेड होंगे। इसके अलावा 28 कोर्स शुरू किए जाएंगे। यह परियोजना इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेयो) से संलग्न होगी। सरकार ने इस परियोजना का नया नाम घोषित किया है। अब इसका नया नाम डॉ. बाबासाहब आंबेडकर सुपर स्पेशलिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (बीएएसआईएमईआर) होगा।

सुपर स्पेशलिटी की सुविधा

चिकित्सा शिक्षा व अौषधि विभाग ने हाल ही में इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। इसके अनुसार बीएएसआईएमईआर में श्रेणीवर्धन अंतर्गत 17 स्नातकोत्तर, 11 अति विशेषोपचार मिलाकर कुल 28 कोर्स शुरू होंगे। इसके साथ ही यहां पीजी की 110 नई सीटें होंगी। सुपर स्पेशलिटी की 41 नई सीटें उपलब्ध होंगी। एमसीआई के मानकों के अनुसार सारी तैयारियां की जाएंगी। सरकार ने यहां 615 बेड के अस्पताल निर्माण, अस्पताल प्रशासन, प्रबंधन विभाग, दंत ओपीडी तथा सभी संबंधित विभागों को शुरू करने की भी अनुमति दी है। इससे नागपुर में सुपर स्पेशलिटी सेवाओं की सुविधाएं बढ़ जाएंगी।

जरूरी पदों पर शीघ्र होगी भर्ती

इस योजना पर 1165.65 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। पहले तीन साल में 176.62 करोड़ और इसके बाद हर साल 78.80 करोड़ रुपए की निधि खर्च को मंजूरी दी गई है। सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग द्वारा 75 फीसदी व चिकित्सा शिक्षा व औषधि विभाग द्वारा 25 फीसदी निधि दी जाएगी। इस योजना के लिए आवश्यक पदों की भर्ती तत्काल शुरू की जाएगी। भविष्य में इस योजना को पीपीपी आधार पर विकसित किया जा सकता है। इसका निर्माण कार्य नागपुर महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एनएमआरडीए) द्वारा किया जाएगा।

विशेषताएं

  • 017- स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रम
  • 615 - बेड का होगा अस्पताल
  • 176.62- करोड़ पहले 3 साल मिलेंगे
  • 1165.65 - करोड़ रुपए होंगे खर्च
  • 2014 से अधर में लटकी है योजना

इस संस्थान को शुरू करने का प्रस्ताव 2014 में मंजूर हुआ था। 7 साल बाद 2021 में इस योजना के निर्माण के लिए मंत्रिमंडल ने 1165.65 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी। 13 अक्टूबर 2021 को इसकी अधिसूचना जारी की गई, लेकिन न तो भूमिपूजन किया गया और न ही योजना के निर्माण के लिए निधि मिली। बाद में सरकार बदलने से यह योजना अधर में लटक गई। 7 दिसंबर 2023 को विधानसभा का शीतसत्र शुरू हुआ। इससे पहले इस योजना के लिए 39 दिनों तक आम नागरिकों के साथ सर्वपक्षीय आंदोलन शुरू हुआ था। आंदोलनकारी उग्र न हो जाएं, इसलिए सरकार ने शीतसत्र के पहले ही दिन योजना के लिए 575.79 करोड़ रुपए की मंजूरी की अधिसूचना जारी की। योजना के पुराने प्रस्ताव में कटौती कर योजना का स्वरूप आधा कर दिया गया। अब फिर से योजना को पूर्ण करने 1165.65 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।

Created On :   23 Nov 2025 5:31 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story