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Nagpur News: उत्तम बीज से ही प्राप्त होते हैं बेहतर और गुणकारी फल, एग्री-स्टार्टअप कार्यशाला का आयोजन

- एआई तकनीक से प्रति एकड़ 200 टन गन्ना उत्पादन संभव : डॉ. भोईटे
- एग्री-स्टार्टअप कार्यशाला का आयोजन
- सीताफल आधुनिक फसल बनने की ओर अग्रसर : डॉ मुंढे
Nagpur News. संत तुकाराम महाराज कहा करते थे कि उत्तम बीज से ही बेहतर और गुणकारी फल प्राप्त किए जा सकते हैं। यदि बीज, कलम और मिट्टी अच्छी गुणवत्ता की हो, तो उत्पादन भी स्वाभाविक रूप से उत्कृष्ट मिलता है। इसी सीख को आगे बढ़ाते हुए, उच्च गुणवत्ता वाली नर्सरी विकसित की जा रही है और सरकार भी इसके लिए नीति तैयार कर रही है। यह विचार केंद्रीय मंत्री तथा एग्रोविजन के मुख्य मार्गदर्शक नितीन गडकरी ने गन्ना खेती विषयक कार्यशाला में व्यक्त किए। कार्यक्रम में उच्च व तकनीकी शिक्षामंत्री चंद्रकांत पाटिल, डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ, अकोला के कुलपति डॉ. शरद गडाख; कृषि विज्ञान केंद्र, बारामती के शोधकर्ता डॉ. विवेक भोईटे, किसान नेता पाशा पटेल, पूर्व विधायक सुधीर पारवे; एग्रोविजन फाउंडेशन के सदस्य सुधीर दिवे, मानस इंडस्ट्रीज समूह के उपाध्यक्ष जयकुमार वर्मा, आनंद राऊत और भोजराम कापगते उपस्थित थे। इस अवसर पर संतरा विषयक कॉफी-टेबल बुक का लोकार्पण भी किया गया।
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एग्री-स्टार्टअप कार्यशाला का आयोजन
एग्रोविजन के दूसरे दिन “कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप्स” विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और तकनीक के प्रभावी उपयोग पर जोर दिया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि एआई-आधारित कृषि विश्लेषण किसानों के लिए किस प्रकार अत्यंत उपयोगी साबित हो सकता है। कार्यशाला में भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अधीन एसटीपीआई के निदेशक अजय श्रीवास्तव; राज्य सरकार के सेवानिवृत्त अतिरिक्त सचिव अनुप कुमार, वीएनआईटी के निदेशक डॉ. प्रेमलाल पटेल; हैप्पी-ईटर्स एप के सह-संस्थापक शशिकांत चौधरी; सर्कुलर इकोनॉमी अलायंस, ऑस्ट्रेलिया के संस्थापक एवं कार्यकारी निदेशक हेमंत चौधरी; क्रॉपडेटा टेक्नोलॉजी के सह-संस्थापक सचिन सूरी, तथा एसटीपीआई के डीजी अरविंद कुमार आदि उपस्थित थे।
एआई तकनीक से प्रति एकड़ 200 टन गन्ना उत्पादन संभव : डॉ. भोईटे
डॉ. विवेक भोईटे ने कहा कि सामान्यतः गन्ना प्रति एकड़ लगभग 120 टन उत्पादन देता है। लेकिन एआई आधारित जल-प्रबंधन प्रणाली अपनाकर इसे 200 टन प्रति एकड़ तक बढ़ाया जा सकता है। यह बात कृषि विकास ट्रस्ट द्वारा किए गए प्रयोगों से सिद्ध हुई है। उन्होंने बताया कि यह प्रयोग 21 जिलों के 1,000 किसानों के खेतों में किया गया, जहां 365 दिनों में 1.8 करोड़ लीटर (18 मिलियन लीटर) पानी का उपयोग कर 200 टन प्रति एकड़ उत्पादन प्राप्त हुआ।
गायों की देखभाल में संवेदनशीलता जरूरी : पुरोहित
यदि गायों की देखभाल संवेदनशीलता के साथ तथा पारंपरिक ज्ञान के आधार पर की जाए, तो बेहतर गुणवत्ता का दूध और उसके उपोत्पाद प्राप्त हो सकते हैं। यह विचार अहमदाबाद स्थित बंसीगिरी गोशाला के भगत सिंह पुरोहित ने कृषि प्रदर्शनी एग्रोविजन में आयोजित ‘गोशाला प्रबंधन’ कार्यशाला में व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि गोशाला की स्थापना करते समय स्वच्छ वातावरण, उपयुक्त मौसम, पर्याप्त खुला स्थान और संतुलित आहार जैसी मूलभूत बातों पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
सीताफल आधुनिक फसल बनने की ओर अग्रसर : डॉ मुंढे
एग्रोविजन के दूसरे दिन “सीताफल – वर्षा ऋतु में वृक्षारोपण और संसाधन” विषय पर विशेष कार्यशाला आयोजित की गई। इस सत्र में अखिल महाराष्ट्र सीताफल संघ के अध्यक्ष श्याम गट्टानी और अंबाजोगाई स्थित सीताफल प्रोसेसिंग केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. गोविंद मुंढे उपस्थित थे। फसल के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डालते हुए डॉ. मुंढे ने कहा, “सीताफल महाराष्ट्र की एक महत्वपूर्ण और तेजी से विकसित हो रही आधुनिक फसल बन रहा है।”
ऑरेंज : स्पेन इजराइल...वाया विदर्भ’ किताब का विमोचन
‘ऑरेंज : स्पेन, इजराइल… वाया विदर्भ’ किताब संतरा उगाने वाले किसानों के लिए एक गाइड होगी। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने भरोसा जताया कि इस किताब की मदद से किसानों को नए एक्सपेरिमेंट और मॉडर्न टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की प्रेरणा मिलेगी। किताब का विमोचन नितिन गडकरी ने एग्रोविजन प्रदर्शनी में किया। कुछ महीने पहले विदर्भ से 40 संतरा उगाने वालों की एक टीम स्पेन में वैलेंसिया संतरे की खेती की स्टडी करने गई थी। मैं खुद इन किसानों के साथ टूर पर था। हमें वैलेंसिया में संतरे की खेती के तरीके, यहां की नर्सरी, पैकेजिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग और कई दूसरी चीज़ों के बारे में कीमती जानकारी मिली।
Created On :   23 Nov 2025 7:09 PM IST













