उम्मीद की मशाल: टाइप-1 डायबिटीज़ के बच्चों ने सिखा दिया जीवन का असल पाठ, खुलकर जियो - जिन्दगी खूबसूरत है- गीतों पर थिरके फिल्ममेकर रॉय डी बॉइस

टाइप-1 डायबिटीज़ के बच्चों ने सिखा दिया जीवन का असल पाठ, खुलकर जियो - जिन्दगी खूबसूरत है- गीतों पर थिरके फिल्ममेकर रॉय डी बॉइस
  • युवा मंच पर आए और अपने जीवन के अनुभव साझा किए
  • रॉय डी बॉइस ने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों को पुरस्‍कार वितरित कि
  • टाइप-1 डायबिटीज़ के बच्चों ने सिखा दिया जीवन का असल पाठ

Nagpur News. ड्रीम ट्रस्ट की 30वीं गौरवशाली वर्षगांठ पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. संकेत पेंडसे ने यूके के प्रसिद्ध और जुनूनी फिल्ममेकर रॉय डी बॉइस का सम्मान किया। सम्मान के बाद रॉय डी बॉइस ने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों को पुरस्‍कार वितरित किए।


ड्रीम ट्रस्ट के तीन दशक पूर्ण होने पर सेटर पॉइंट होटल में डायबिटीज़ पर एक रोचक और ज्ञानवर्धक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसका उद्देश्य टाइप-1 डायबिटीज़ के बच्चों को उपचार, नियंत्रण और दैनिक देखभाल से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देना था। इस दौरान टाइप-1 डायबिटीज़ के कई बच्चे और युवा मंच पर आए और अपने जीवन के अनुभव साझा किए।


कार्यक्रम में बच्चों के लिए एक विशेष टैलेंट सेशन रखा गया था। इसमें टाइप-1 के बच्चों ने शानदार नृत्य, योगा, गीत-संगीत और कराटे का शानदार प्रदर्शन किया। हिन्दी-मराठी में कविता पेश की और अपने अंदाज में डॉक्टर्स का थैंक्स किया।


एक युवक ने गिटार बजाकर माहौल को खुशनुमा बना दिया। सभी बच्चों ने अपने-अपने हुनर से उपस्थित दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं।

इस खास मौके पर फिल्ममेकर रॉय डी बॉइस भी हिंदी गीतों की धुनों पर थिरकते नजर आए। रॉय डी बॉइस इन दिनों ड्रीम ट्रस्ट के कार्यों पर आधारित एक लघु फिल्म बनाने नागपुर आए हुए हैं।


कार्यक्रम शुक्रवार, 21 नवंबर को दोपहर 3:30 बजे शुरू हुआ, जिसमें टाइप-1 से जूझ रहे बच्चे अपने परिवारों के साथ शामिल हुए। बच्चों के लिए शुगर-फ्री और हेल्दी भोजन की भी विशेष व्यवस्था की गई थी।


ड्रीम ट्रस्ट की स्थापना की मार्मिक कहानी

आर्थिक तंगी के कारण जब एक बच्ची को समय पर इलाज नहीं मिल सका और उसने दम तोड़ दिया, तब डॉ. शरद पेंडसे इस दर्दनाक घटना से बेहद व्यथित हो गए। उन्होंने दृढ़ निश्चय किया कि ऐसी घटना दोबारा कभी न हो। यही संकल्प ड्रीम ट्रस्ट की स्थापना का आधार बना।

ट्रस्ट की शुरुआत से अब तक विदेशी और स्थानीय सहयोग के माध्यम से सैकड़ों बच्चों को मुफ्त इंसुलिन, दवाएं और आवश्यक चिकित्सा सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है — खासकर उन बच्चों को जिनके परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हैं।

ट्रस्ट के संरक्षण में बड़े हुए कई बच्चे आज आत्मनिर्भर हैं और अपनी आय का हिस्सा जरूरतमंद बच्चों की मदद के लिए स्वयं दान कर रहे हैं। यह ड्रीम ट्रस्ट के प्रभाव और सफल प्रयासों की जीवंत मिसाल है।


डॉ. शरद पेंडसे को इन परिवारों की ओर से यूं ही भगवान समान नहीं माना जाता। वे आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी मानवता और करुणा से उपजा यह प्रयास आज भी सैकड़ों बच्चों के जीवन में नई आस जगाता है।

टाइप-1 डायबिटीज़ से जूझ रहे बच्चों के लिए जीवनरेखा — ड्रीम ट्रस्ट

ड्रीम ट्रस्ट कई वर्षों से टाइप-1 डायबिटीज़ से पीड़ित गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए आशा की किरण बना हुआ है।

ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य है—

मुफ्त इंसुलिन उपलब्ध कराना

  • ग्लूकोमीटर स्ट्रिप्स, सीरिंज और अन्य जरूरी चिकित्सा सामग्री देना
  • लड़कियों को प्राथमिकता के साथ स्वास्थ्य व शिक्षा सहयोग
  • कमजोर परिवारों के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान करना
  • स्कूल दूर होने पर बच्चों को मुफ्त साइकिल उपलब्ध कराना

ड्रीम ट्रस्ट की यह पहल न केवल चिकित्सा सहायता देती है, बल्कि बच्चों को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

Created On :   23 Nov 2025 7:52 PM IST

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