Nagpur News: बावनकुले ने कहा - मोदी- शिंदे की मुलाकात राजनीतिक नहीं, बोगस ओबीसी प्रमाणपत्र का सबूत दें, कार्रवाई करेंगे

बावनकुले ने कहा - मोदी- शिंदे की मुलाकात राजनीतिक नहीं, बोगस ओबीसी प्रमाणपत्र का सबूत दें, कार्रवाई करेंगे
  • पीएम मोदी से उपमुख्यमंत्री शिंदे की मुलाकात राजनीतिक नहीं
  • गांवों में लगी है मतदाता सूची, आक्षेप हो तो त्वरित लें

Nagpur News. मराठा आरक्षण के जीआर को लेकर भ्रम नहीं फैलाने का आव्हान करते हुए राजस्वमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि ओबीसी के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार से जीआर के मुद्दों पर चर्चा हुई थी। बोगस ओबीसी प्रमाणपत्र का उनके पास सबूत हो तो सरकार को दें, त्वरित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मुलाकात राजनीतिक ही नहीं रहती है। विकास योजनाओं पर चर्चा होती है। मतदाता सूची को लेकर विपक्ष व विशेषकर कांग्रेस निराधार आरोप लगाती है। स्थानीय निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूची गांवों में लगी है, किसी को आक्षेप हो तो त्वरित ले। रविवार को बावनकुले ने पत्रकारों से चर्चा की। बच्चू कडू, महादेव जानकर, राजू शेट्टी के आंदोलन की तैयारी को लेकर बावनकुले ने कहा- इन नेताओं से फोन पर बात की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बैठक ले रहे हैं। बैठक में सभी विषयों पर चर्चा होगी। इसलिए अभी आंदोलन का इरादा टाल दें। मराठा आरक्षण संबंधी जीआर को लेकर विरोध पर बावनकुले ने कहा कि वडेट्टीवार सहित 40 से 50 ओबीसी नेताओं की बैठक मुख्यमंत्री के साथ हुई। जीआर के मुद्दे पर चर्चा हुई। आवश्यक होने पर और भी चर्चा करने को कहा गया था।

वडेट्टीवार ने मराठवाडा में जाकर कहा था कि वहां के कुनबी को प्रमाणपत्र देना योग्य है। लेकिन अब वे विरोध कर रहे हैं। शिवसेना उद्धव के प्रवक्ता संजय राऊत प्रतिदिन झूठी बातें करते रहते हैं। एकनाथ शिंदे एनडीए के नेता हैं। प्रधानमंत्री मोदी से उनकी मुलाकात को महाराष्ट्र की राजनीति के लिहाज से देखना ठीक नहीं है। मोदी से सभी नेता विकास के विषयों को लेकर मिलते रहते हैं। उद्धव ठाकरे के निर्धार सम्मेलन के बारे में उन्होंने कहा कि कितने भी सम्मेलन लें पर अब कोई फर्क नहीं पड़नेवाला है। महायुति 51 प्रतिशत मतदान पाकर स्थानीय निकाय के चुनाव जीतेगी। मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप के साथ मोर्चा निकालना चुनाव पूर्व पराजय मान लेने का संकेत है। भविष्य में यह बताने का प्रयास किया जाएगा कि मोर्चा निकालने के बाद भी बात नहीं सुनी गई और महायुति जीत गई। स्थानीय निकाय चुनाव के लिए गांवों में मतदाता सूची लगा दी गई है, जिन्हें आक्षेप लेना है वे अपने कार्यकर्ताओं को भेजकर सूची पर आक्षेप ले। आक्षेप के बाद सूची में सुधार भी किया जाता है।

Created On :   26 Oct 2025 7:51 PM IST

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