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Nagpur News: रेडियल गेट को जल्द पूरा करें - ताकि बरसात में शहरवासियों को न करना पड़े समस्या का सामना

- रेडियल गेट को जल्द पूरा करें
- आपदा प्रबंधन किट पर लाखों रुपए खर्च पानी में जाने की संभावना
- जो गांव में रहते नहीं, उन्हें प्रशिक्षण देने से क्या फायदा
Nagpur News. अंबाझरी बांध मजबूतीकरण अभियान के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति की अध्यक्ष एवं विभागीय आयुक्त विजयलक्ष्मी बिदरी ने शनिवार को कामांे का निरीक्षण किया। इस दौरान रेडियल गेट के काम को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही मनपा को जलापूर्ति पाइपलाइन शिफ्ट करने और 5 जून से पहले निर्माणकार्य का मलबा हटाने का भी निर्देश दिया। इस अवसर पर समिति के सदस्य सचिव तथा मनपा आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी, महामेट्रो के व्यवस्थापकीय संचालक राजीव त्यागी, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल की प्रादेशिक अधिकारी हेमा देशपांडे, जलसंपदा विभाग के मुख्य अभियंता रवि पराते, अधीक्षक अभियंता सोनाली चोपड़े, कार्यकारी अभियंता प्रांजलि टोंगसे, आपदा व्यवस्थापन कक्ष के संचालक तुषार बारहाते, सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग के अधीक्षक अभियंता जनार्दन भानुसे, ए. के मिश्रा, कार्यकारी अभियंता चंद्रशेखर गिरी, मनपा की अधीक्षक अभियंता डॉ. श्वेता बैनर्जी, उपायुक्त राजेश भगत, मुख्य स्वच्छता अधिकारी डॉ. गजेंद्र महल्ले, धरमपेठ जोन की सहायक आयुक्त स्नेहलता कुंभार, कार्यकारी अभियंता विजय गुरुबक्षानी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बांध के मजबूतीकरण के अन्य कामों सहित बांध से जलपर्णी की सफाई को लेकर निरीक्षण किया। इसके साथ ही नाग नदी की सुरक्षा दीवार के कामों के मलबे को हटाने का भी निर्देश भी मनपा आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी को दिया।
आपदा प्रबंधन किट पर लाखों रुपए खर्च पानी में जाने की संभावना, जो गांव में रहते नहीं, उन्हें प्रशिक्षण देने से क्या फायदा
उधर बरसात के मौसम में बाढ़ आने पर बचावकार्य के लिए सरकार ने जिले की 60 ग्राम पंचायतों को आपदा प्रबंधन किट प्रदान की है। किट में 36 प्रकार की सामग्री है, जिसमें फोल्डेबल मल्टी स्ट्रेचर, लाइफ जैकेट, सेफ्टी हेल्मेट, हैंड ग्लब्ज, सेफ्टी नेट, रेफलिंग रोप, स्टोरेज बॉक्स आदि का समावेश है। ग्रामीणों को आपदा प्रबंधन किट में दी गई सामग्री के इस्तेमाल का हुनर नहीं है। सामग्री के इस्तेमाल का प्रशिक्षण उन लोगों को दिया गया, जो गांव में रहते ही नहीं है। प्रशिक्षण में ग्रामसेवक, सरपंच, बीडीओ, एबीडीओ का समावेश रहा। बाढ़ आने पर ग्रामीणों को सामग्री के इस्तेमाल का हुनर नहीं रहने से आपदा प्रबंधन किट पर खर्च किए गए लाखों रुपए पानी में चले जाएंगे। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 150 गांव नदियों के किनारे बसे हैं। इन गांवों को बाढ़ का खतरा है। आपदा में प्रशासन से समय पर मदद नहीं पाती। ऐसी स्थिति में राहत और बचाव कार्य के लिए राज्य सरकार ने 60 ग्राम पंचायतों को आपदा प्रबंधन किट उपलब्ध कराई है। जिला परिषद स्तर से संबंधित ग्राम पंचायतों को आपदा प्रबंधन किट हस्तांतरित की गई। आपदा प्रबंधन का इस्तेमाल कर बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए बाढ़ प्रभावित गांव के 2 युवाओं को प्रशिक्षण देना अपेक्षित है। आपदा प्रबंधन किट आपूर्ति एजेंसी पर प्रशिक्षण की जिम्मेदारी बताई जाती है। जिला स्तर पर बीडीओ, एबीडीओ, ग्रामसेवक तथा सरपंचों को प्रशिक्षण दिया गया। तहसील स्तर पर प्रशिक्षण चल रहा है। इस वर्ष समय से एक सप्ताह पहले मानसून के आगमन का मौसम विभाग ने काफी पहले अनुमान व्यक्त किया है। बरसात शुरू होने से पहले प्रशिक्षण नहीं दे पाने पर आपदा प्रबंधन किट उपलब्ध कराने का कोई फायदा नहीं होगा।
कामठी को सर्वाधिक, काटोल को सबसे कम किट
कामठी तहसील के सर्वाधिक 18 ग्राम पंचायतों को आपदा प्रबंधन किट उपलब्ध कराई गई। उसके बाद नरखेड़ तहसील 13, हिंगना तहसील 10, नागपुर ग्रामीण तहसील 4, काटोल तहसील 3, कलमेश्वर तहसील को 12 किट का वितरण किया गया।
Created On :   25 May 2025 6:08 PM IST