Nagpur News: गर्भावस्था में डायबिटीज से मां और शिशु को खतरा, इंसुलिन थेरेपी को लेकर डॉ. पेंडसे दी खास जानकारी

गर्भावस्था में डायबिटीज से मां और शिशु को खतरा, इंसुलिन थेरेपी को लेकर डॉ. पेंडसे दी खास जानकारी
  • इंसुलिन थेरेपी कार्यशाला में विशेषज्ञ ने रखे विचार
  • डॉ. पेंडसे ने इंसुलिन थेरेपी के महत्व को रेखांकित किया
  • गंभीर अवस्था में इंसुलिन की खुराक महत्वपूर्ण

Nagpur News. गर्भावस्था में डायबिटीज होना केवल मां के लिए ही नहीं, बल्कि गर्भस्थ शिशु के लिए भी जोखिमभरा होता है। इसलिए डायबिटील का समय पर उपचार करवाना जरुरी है। गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच व डॉक्टरों की सलाहनुसार डायबिटीज की दवाएं लेना आवश्यक है। ऐसा डॉ. पूजा जाधव ने कहा। उन्होेंने डायबिटीज के निदान व सटीक उपचार पर प्रकाश डाला। डायबेटिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया (डीएआई) नागपुर चैप्टर द्वारा इंसुलिन थेरेपी पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन शहर के रामदासपेठ स्थित एक होटल में हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य मधुमेह (डायबिटीज) रोगियों के बेहतर उपचार के लिए इंसुलिन से जुड़ी नवीनतम जानकारियों और तकनीकों पर विशेषज्ञों के विचार साझा करना था।

नई इंसुलिन से मरीज में सकारात्मक बदलाव

कार्यशाला का संयोजन डॉ. सुनील अंबुलकर और डॉ. जयश्री शेंबालकर ने किया। कार्यक्रम में नागपुर समेत विदर्भ क्षेत्र के प्रमुख एंडोक्राइनोलॉजिस्ट्स और डायबेटोलॉजिस्ट्स ने हिस्सा लिया। अकोला की वरिष्ठ सलाहकार एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. अनीता खंडेलवाल ने इंसुलिन थेरेपी में हाल की प्रगति विषय पर जानकारी दी। उन्होंने नई किस्मों की इंसुलिन और उनके उपयोग की विधियों को विस्तार से समझाया, जिससे रोगी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके। डॉ. जयश्री शेंबालकर ने ब्लड ग्लूकोज़ मॉनिटरिंग के नवीनतम डिवाइसेस की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे ये उपकरण डायबिटीज़ रोगियों को दिनचर्या में सटीक निर्णय लेने में सहायक हो सकते हैं। पीडियाट्रिक एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. निखिल लोहिया ने डायबेटिक कोमा विषय पर सरल तरीके से मार्गदर्शन किया। उन्होंने बताया कि समय पर लक्षण पहचान कर उपचार शुरू करने से मरीज की जान बचायी जा सकती है।


गंभीर अवस्था में इंसुलिन की खुराक महत्वपूर्ण

डॉ. संकेत पेंडसे ने अस्पताल में भर्ती डायबिटिक मरीजों में इंसुलिन थेरेपी के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि गंभीर अवस्था वाले मरीजों में इंसुलिन की खुराक, समय और मॉनिटरिंग बेहद महत्वपूर्ण होती है। आभार प्रदर्शन डॉ. स्वप्ना खानझोडे ने किया। उन्होंने उपस्थित विशेषज्ञ डॉक्टरों ने सहभागियों और आयोजकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस तरह के आयोजन चिकित्सकों के ज्ञानवर्धन और मरीजों के हित में अत्यंत उपयोगी होती हैं। कार्यक्रम के माध्यम से डायबिटीज़ प्रबंधन से जुड़ी मौजूदा चुनौतियों और संभावनाओं पर संवाद के लिए मंच प्रदान करने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

Created On :   27 May 2025 4:43 PM IST

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