Nagpur News: एमआईडीसी में 511 यूनिट बंद , रोजगार उपलब्धता पर पड़ रहा सीधा असर

एमआईडीसी में 511 यूनिट बंद ,  रोजगार उपलब्धता पर पड़ रहा सीधा असर
हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

Nagpur News बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने जिले के विभिन्न एमआईडीसी क्षेत्रों में 511 औद्योगिक यूनिट बंद होने के मुद्दे पर गंभीर संज्ञान लेते हुए रजिस्ट्री को जनहित याचिका दायर करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने औद्योगिक क्षेत्रों में खाली पड़ी जमीन और चालू यूनिट की कम संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे राेजगार उपलब्धता पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है। न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति रजनीश व्यास की पीठ ने एमआईडीसी में सैकड़ों यूनिट बंद होने को लेकर अखबार में प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए यह फैसला लिया है। खबर में बताया गया कि जिले के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में 511 यूनिट बंद हो चुकी हैं, जबकि आवंटित 5175 भूखंडों में से केवल 3261 का ही आवंटन किया गया है।

बेकार भूखंड बाधा : जिले की हिंगना, बुटीबोरी, अतिरिक्त बुटीबोरी, बुटीबोरी चरण-II, भिवापुर, उमरेड, पारशिवनी, कुही, कलमेश्वर, आईटी परसोडी, नरखेड़, काटोल, सावनेर, एनटीपीसी मौदा और एनटीपीसी मौदा ऐश पॉन्ड जैसी औद्योगिक कॉलोनियों में स्थिति संतोषजनक नहीं है। इनमें से ज्यादातर औद्योगिक क्षेत्र कम से कम दो दशकों से निर्माणाधीन हैं। इस बीच बिना परियोजनाओं के बेकार पड़े भूखंड आर्थिक प्रगति में बाधा बन रहे हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, कोर्ट ने स्वत: जनहित याचिका शुरू करने का फैसला लिया। कोर्ट ने इस मामले में एड. संकेत चरपे को एमिकस क्यूरी (न्यायालय मित्र) नियुक्त किया और उन्हें चार सप्ताह में विस्तृत याचिका तैयार कर रजिस्ट्री में दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं।

विदर्भ में 1246 यूनिट बंद : एमआईडीसी द्वारा संचालित औद्योगिक क्षेत्रों की स्थिति भी चिंताजनक है। विदर्भ के 11 जिलों में अब तक 1246 यूनिट बंद हो चुकी हैं, जबकि 3906 यूनिट ऐसी हैं, जिनके लिए भूखंड आवंटन होने के बावजूद कोई प्रगति नहीं हुई है। इस मुद्दे पर भी हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाई है।

Created On :   9 Oct 2025 11:23 AM IST

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