Nagpur News: कोलंबस यूनिवर्सिटी में एडमिशन कराने का झांसा देकर लाखों की ठगी

कोलंबस यूनिवर्सिटी में एडमिशन कराने का झांसा देकर लाखों की ठगी
गिरोह के चार सदस्यों के खिलाफ प्रकरण दर्ज

Nagpur News एडमिशन कराने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाला गिरोह अंतरराज्यीय स्तर पर सक्रिय है। गिरोह के चार सदस्यों ने मेडिकल में एडमिशन कराने के नाम पर एक छात्रा को लाखों रुपए से चूना लगाया है। घटना के तीन वर्ष बाद सोमवार को सक्करदरा थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है, लेकिन अभी उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।

विज्ञापन देख किया फोन : नागपुर जिला के सावनेर निवासी समृद्धि राजू पराते (21) वर्तमान में उज्बेकिस्तान से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। घटना 13 सितंबर 2022 से 8 अगस्त 2025 के दरमियान घटित हुई है। समृद्धि मेडिकल में एडमिशन के लिए वह प्रयासरत थी। इस बीच उसने िकसी अखबार में पिपलिंक प्लेसमेंट प्राइवेट लिमिटेड का विज्ञापन देखा। विज्ञापन में देश-विदेश के िकसी भी कॉलेज में, िकसी भी कोर्स में एडमिशन कराने का दावा िकया गया था। उसने विज्ञापन में दिए गए फोन नंबर पर संपर्क िकया तो अतुल रमेशराव इंगोले से बात हुई। उसने िपपलिंक प्लेसमेंट के प्रगति हाइट्स स्थित कार्यालय में िमलने के लिए बुलाया।

खर्च के नाम पर रुपए ऐंठे : वहां जाने पर उसने बताया था कि अमेरिका के कोलंबस यूनिवर्सिटी कोलेब्रेशन होने से उसका एडमिशन कोपरगांव स्थित आर.जे.एस. कॉलेज जिला अहमदाबाद में करा देगा। यह भी बताया था कि काेलंबस यूनिवर्सिटी के डॉयरेक्टर एवं सीईओ वेंकट रेड्डी, उमंग पटेल अहदाबाद (गुजरात) निवासी से उसके अच्छे संबंध हैं। उनके जरिए से वह कई विद्यार्थियों के एडमिशन करा चुके हैं, लेकिन उसके लिए खर्चा आने की बात बताई थी। समृद्धि खर्च के लिए तैयार हो गई। दो वर्ष की फीस, छात्रावास फीस, मेस आदि के नाम पर 28 लाख 60 हजार रुपए आरोपियों ने ऐंठ लिए। इसके बाद उसे ई-मेल कर एडमिशन होने के फर्जी दस्तावेज भेजे। उसने अमेरिका कब जाना है, इस संबंध में पूछताछ की तो नागपुर के सक्करदरा निवासी शीतल ने अगली बैच में भेजने का जवाब दिया।

पड़ताल में सच उजागर : जवाब के बाद पड़ताल करने पर फर्जीवाड़ा सामने आया। समृद्धि ने एडमिशन रद्द करने को कहा और अपनी रकम वापस मांगी तो 3 लाख रुपए उसके पिता के खाते में वापस भेजे गए, लेकिन बाकी की रकम के बारे में टालमटोल जवाब देने लगे। आखिरकार मामला थाने पहुंचा, लेकिन करीब ढाई तीन वर्ष तक फाइल में ही दबा रहा। इस बीच वरिष्ठ अधिकारी द्वारा हस्तक्षेप करने से सोमवार को आरोपी अतुल, शीतल दोनों सक्करदरा नागपुर, वेंकट अौर उमंग दोनों हैदराबाद निवासी के खिलाफ प्रकरण दर्ज िकया गया है, लेकिन उनकी िगरफ्तारी अभी नहीं हुई है।

Created On :   7 Oct 2025 11:55 AM IST

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